रुद्रपुर- वाकई में मौजूदा वक्त में भाजपा का सिर्फ चेहरा ही नहीं बदला बल्कि चरित्र भी बदल गया है। कभी कार्यकर्ताओं के सुखःदुःख में हाजिर रहने वाली पार्टी का मिज़ाज अब ऐसा हो गया है कि वो अपने पूर्व नगराध्यक्ष की मौत पर मातम तो क्या गमगीन होने तक का नाटक भी नहीं करती।
सोशल मीडिया में जारी रिपोर्ट्स के मुताबिक रुद्रपुर में अभी जिस दिन भाजपा के पूर्व नगराध्यक्ष दिलीप बोरा की हृदयगति रुकने से मौत हुई उसी दिन भाजपा के नए जिलाध्य़क्ष को लड्डूओं से तोलने का कार्यक्रम नई दौर की भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कर दिया ।
, भाजपा के इस कदम की कई लोग आलोचना कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि जिस जिलाध्यक्ष को अपनी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता को गमगीन माहौल में आखिरी विदाई देने जाना चाहिए था, कार्यकर्ता के परिवार का ढाढ़स बनवाने के लिए हाजिर होना चाहिए था।
उस जिलाध्यक्ष शिव अरोड़ा ने खुद के स्वागत समारोह को तरजीह दी। उन्होंने उसी दिन अपने स्वागत में लड्डूओं से तुलने के कार्यक्रम में शिरकत करना ज्यादा जरूरी समझा। लिहाजा रुद्रपुर के फाजलपुर मेंहरोला में लड्डूओँ से तुल गए और पूर्व नगराध्यक्ष की आखिरी विदाई से मुंह फेर लिया।
आलम ये हुआ कि जिलाध्यक्ष के स्वागत समारोह में कोई कमीबेशी न रह जाए लिहाजा अपने नंबर बढ़ाने के चक्कर में ज्यादतर कार्यकर्ता लड्डू वाले समारोह में ही व्यस्त हो गए और अाखिर सफर पर जाते दिलीप बोरा जैसे समर्पित कार्यकर्ता को भूल गए।
भाजपा के बदले हुए इस नए चरित्र की सियासी गलियारे से समाज के बीच नकारात्मक चर्चा हो रही है। कहने वाले कह रहे हैं अगल लड्डू वाला कार्यक्रम एक दिन आगे खिसका दिया जाता तो लड्डू खराब नहीं हो जाते।
बहरहाल दिलीप बोरा तो चले गए लेकिन कार्यकर्ता के लिए समर्पित पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा के नए संवेदहीन कुरूप चेहरे को बेपर्दा कर गए।