चमोली : जम्मू में अभ्यास के दौरान ग्रेनेड फटने से शहीद हुए सुरजीत सिंह राणा का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव स्यूंण पहुँचा. इस दौरान प्रशासन की तरफ से एसडीएम परमानंद, पूरा गांव और हजारों की संख्या में भीड उमड़ी. इस दौरान सबकी आंखे नम थी. किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि उनके गांव का बहादुर लड़का शहीद हो गया.
वहीं आपको बता दें गांव के पैतृक घाट दूध गंगा (मैना गाड़) में शहीद सुरजीत सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
माईन ब्लास्ट की चपेट में आने से हुए शहीद
गौर हो की शानिवार को सुरजीत जम्मू के पलावाला अखनूर में अभियान के दौरान माईन ब्लास्ट की चपेट में आने से शहीद हो गए थे। जब से इसकी खबर मिली गांव और परिवार के रो रो के बुरे हाल है। किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा है कि उनके गांव का लड़का शहीद हो गया. पूरा गांव शोक में डूबा है।
अभी घर सम्भल ही था कि बहादुर भाई शहीद हो गया
आपको बता दें शहीद सुरजीत राणा पुत्र स्व0 प्रेम सिंह राणा चमोली के स्यूंण गांव का रहने वाला था जो की 10वीं गढ़वाल राइफल में तैनात थे. सुरजीत 2008 में सेना में भर्ती हुए थे. सुरजीत सिंह की शहादत की खबर से पूरा पीपलकोटी स्यूण बैमरू क्षेत्र गम में डूबा है. जानकारी मिली है की सुरजीत की पत्नी का देहांत भी एक साल पहले हुआ था…उनकी कोई संतान नहीं थी. शहीद सुरजीत दो भाई और दो बहनें हैं जिसमे सुरजीत सबसे छोटे थे। लोगों का कहना कि सुरजीत बहुत ही कर्मठ और बहादुर थे।
शहीद के परिवार में उसकी बूढ़ी मां और एक भाई, बहनों की हो चुकी है शादी
शहीद के परिवार में उसकी बूढ़ी मां विश्वेश्वरी देवी के अलावा एक भाई महावीर सिंह राणा है। दो बहनों की शादी हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शहीद की मां इस सदमे से खासी व्यथित हैं। वह बार-बार बेहोश हो रही हैं। बताया गया कि शहीद सैनिक कुछ समय पहले ही घर से छुट्टी काट कर जम्मू गया था। सुरजीत का बड़ा भाई महाबीर सिंह घर में ही रहता है और सुरजीत के पिता का देहांत लगभग 22 साल पहले हो गया था, जैसे तैसे अपनी पढ़ाई कर सेना में भर्ती हुए थे. अभी घर सम्भल ही था कि बहादुर भाई शहीद हो गया।