देहरादून : थराली से निर्वाचित विधायक मुन्नी देवी ने जहां आज विधायिकी की शपथ ले ली है, वहीं उत्तराखंड की सियासत मुन्नी देवी के विधायिकी की शपथ लेते ही गर्म हो गई.
विधायक बनने से पहले चमोली जिला पंचायत के अध्यक्ष पद को भी संभाल रही थी मुन्नी देवी
थराली विधान सभा उपचुनाव में कांग्रेस को मात देकर पहली बार विधायक बनी मुन्नी देवी के द्धारा विधायक की शपथ लेने के साथ ही उत्तराखंड की सियातत गर्म हो गई…चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर ये घमासान बीजेपी और कांग्रेस के बीच देखने को मिल रहा है. दरअसल मुन्नी देवी विधायक बनने से पहले चमोली जिला पंचायत के अध्यक्ष पद को भी संभाल रही थी लेकिन विधायक बनने के बाद मुन्नी देवी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया जो कांग्रेस को कही न कही अखर रहा था.
मुन्नी के बगैर इस्तीफा दिए संभाला लखपत बुटोला ने अध्यक्ष पद, सरकार का दरवाजा खटखटाएंगी
लेकिन मुन्नी देवी के जिला पंचायत अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए बगैर ही चमोली जिले के जिला पंचायत उपाध्यक्ष लखपत बुटोला ने अध्यक्ष पद संभाल लिया है,जिसको लेकर सूबे की सियासत गर्म हो गई है…मुन्नी देवी का कहना कि उनके साथ घोर कृत्य किया गया है और उनके बैगर इस्तीफे की जिला पंचायत अध्यक्ष का पद जबरदसती कब्जा कर लिया गया है,जिसको लेकर वह सरकार का दरवाजा खटखटाएंगी और कानून की राय लेंगी।
सबकी नजरें टिकी थी मुन्नी देवी के जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी छोड़ने पर
जिस दिन मुन्नी देवी विधायक चुनी गई थी, उसी दिन से सबकी नजरें इस पर लगी थी कि कब मुन्नी देवी जिला पंचायत अध्यक्ष का पद छोड़ेंगी, लेकिन मुन्नी देवी का कहना कि आज जब वह विधायक पद की शपथ ले रही हैं तो आज ही उन्हे तय करना था कि वह कौन सा पद छोड़ती, लेकिन अब जिस तरह उनसी कुर्सी छीनी गई है वह साफ करना चाहती है कि जो भी नियम कानून के तहत होगा, उसी के तहत वो आगे फैसला लेंगी।
बरदस्ती कुर्सी कबजाई गई है वह लोकतंत्र की हत्या है और कुछ नहीं-अजय भट्ट
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना कि पार्टी को मामला था कि कब तक मुन्नी देवी को दोनों पदों संभालने की जिम्मेदारी दी जाती लेकिन जिस तहर कुछ लोागों के द्धारा जबरदस्ती कुर्सी कबजाई गई है वह लोकतंत्र की हत्या है और कुछ नहीं।
वहीं विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल का कहना है कि उन्हे जो मालूम है उसके तहत जिला पंचायत अध्यक्ष का पद लाभ का पद नहीं है, इसलिए मुन्नी देवी दोनों पद संभाल सकती हैं और विधायकी की शपथ इसलिए जरूरी थी,ताकि वह विधान सभा सत्र के दौरान विधान की कार्यवाही का हिस्सा बन सके।
मुन्नी देवी का मोह विधायक बनने के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का भी साफ देख जा सकता है…यहीं वजह है कि करीब दो माह बाद मुन्नी देवी ने विधायकी की शपथ ली है, लेकिन देखना ये होगा कि जब कि आखिर मुन्नी देवी कौस सा वो दाव चलाती है,जिससे वह दोनों पदों पर काबिज रह सकती है।