वहीं उत्तराखंड में चमकी बुखार का अलर्ट जारी किया गया है. जिस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बयान जारी किया है. सीएम ने कहा कि मामले में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ 3 दिन पहले ही हाई लेवल मीटिंग की जा चुकी है. फिलहाल प्रदेश में अब तक कोई भी चमकी बुखार का मामला सामने नहीं आया है.
सीएम ने भगवान से की दुआ
सीएम ने कहा कि एहतियात के तौर पर सभी अस्पतालों में दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे इसके लिए अधिकारियों को एहतियात के तौर पर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने भगवान से दुआ करते हुए कहा कि भगवान उत्तराखंड की जनता को इस बीमारी से बचाए रहे.
बड़ा सवाल है कि क्या मात्र दुआ से ऐसे भयंकर बिमारी के प्रकोप से बचा जा सकता है. क्या जमीनी तौर पर काम करने की जरुरत नहीं है? क्योंकि अगर स्वास्थय विभाग का हाल देखा जाए तो उत्तराखंड में स्वास्थय सुविधाओं का हाल बेहाल है. 108 ठप है, अस्पतालों की मनमानी जारी है औऱ डॉक्टर गायब हैं ऐसे में सीएम का चमकी बुखार से निपटने और दुआ मांगने का बयान चौंकाने वाला है. उनको पहले स्वास्थय व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के लिए जरुरी कदम उठाने की इस वक्त जरुरत है.