देहरादून: उत्तराखंड में मानसून शुरू होते ही चारधाम यात्रा की रफ्तार भी धीमी हो गई है। आलम यह है कि जहां पहले ही महीने चारों धामों में पिछले सभी सालों के सारे रिकॉर्ड टूट थे। वहीं, अब मानसून के सक्रिय होते ही यात्रा की भी कमर टूट गई है। पहाड़ों में आलम इस कदर है कि जगह-जगह भारी बारिश से भूस्खलन हो रहा है। सड़कें मलबे में तब्दील हो गई हैं। कई जगहों पर लैंडस्लाइड से यात्रियों की जान तक चली गई। एक बार फिर से मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है।
भूस्खलन से हर दिन घंटों बंद रह रहे मार्ग
जैसे ही प्रदेश में मानसून ने दस्तक दी, वैसे ही यात्रियों के पांव भी रुक गए और मानसून की तैयारियों सहित भूस्खलन आपदा यात्रा मार्गों के खस्ताहाल स्थितियों से निपटने को लेकर सरकार के दावे हवा-हवाई साबित होने लगे हैं। भारी लैंडस्लाइड होने से चार धाम यात्रा कई घंटों तक रुक रही है, जिससे यात्री जगह-जगह फसे रह रहे हैं। कई घंटों तक जाम में भी यात्रियों और स्थानीय लोगों की हालत खराब हो रही है। प्रदेशभर की बात की जाए तो इस समय भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश की 60 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। जिसके चलते यात्रियों सहित स्थानीय लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
मानसून में 14 मौतें
बीते दिन केदारनाथ यात्रा रुद्रप्रयाग के पास 5 घंटे से ज्यादा बाधित रही। इसके अलावा गंगोत्री मार्ग भी भारी बरसात और भूस्खलन से लगातार बाधित हो रहा है। ऋषिकेश बद्रीनाथ हाई वे शिवपुरी के पास लगातार घंटो तक बाधित हो रहा है। पहाड़ों पर स्थति इतनी खतरनाक हे की चारधाम ऑल वेदर मार्ग पर हो रही कटिंग से गिरने वाले बोल्डर लोगों की जान पर भारी पड़ रहे हैं। अकेले मानसून के समय भूस्खलन से और भारी भरकम बोल्डर गिरने से अब तक 14 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जबकि 23 घायल हुए है। इनके अलावा 31 मेवेशियों समेत 101 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
बरकरार रहेगी परेशानी
आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक डाॅ. पीयूष रौतेला भी मान रहे हैं कि प्रदेश में बारिश भूस्खलन और ऑल वेदर सड़क बनने से लगातार यात्रियों और आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है। ये परेशानी आने वाले लंबे समय तक होती रहेगी। चारधाम यात्रा सहित पहाड़ों पर हो रहे भूस्खलन से लोगों की मदद करने वाली एसडीआरएफ टीम भी मौसम विभाग के अलर्ट के बाद फिर से सतर्क हो गई है। आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि मौसम विभाग के भारी बारिश के बाद एसडीआरएफ भी अलर्ट हो गई है। मौसम विभाग ने भारी बारिश और भूस्खलन का अलर्ट किया है तो एसटीआरएफ में भी अपनी एसओपी बनाकर उन जगहों को चिन्हित कर लिया है, जहां पर इस तरह की घटनाएं होती हैं।