रुद्रपुर: बाजार में नकली खाद्य सामग्री धड़ल्ले से बिक रही है। लोग इसे खरीदकर बीमारियां मोल ले रहे हैं। चावल के बाद अब प्लास्टिक का आटा बिकने की बात सामने आई है। यह आटा गोपाल भोग ब्रांड के नाम से बिक रहा है। पानी डालने पर इसमें परत खुलने लगीं और अंत में यह रबड़ बन गया। यहीं नहीं, इस आटे को जब जलाया गया तो उसने आग भी पकड़ ली। जगतपुरा मोहल्ले में खराब आटे को लेकर आक्रोश है।
मोहल्ले में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब रिटायर्ड पुलिस कर्मी ओमपाल के घर पर यह आटा आया। पानी डालने पर इसमें रबड़ की तरह लोई बन गई, जो रबड़ की तरह खींचता चला गया। संदेह होने पर जब महिला ने और आटा लेकर उसकी लोई बनाई और फिर उसको पानी से धोया तो धीरे-धीरे आटा छूटकर निकलने लगा और आटे में मिली प्लास्टिक हाथ में रह गई।
आटे को जलाया तो उसने आग पकड़ ली
वह भी खींचने पर लंबी होती चली गई। इसके बाद एक परीक्षण और किया गया। महिला ने आटे को घर के अंदर जलाया तो उसने आग पकड़ ली।इस पर वहां कई महिलाएं इकट्ठा हो गईं और भाजपा जिला मंत्री राधेश शर्मा को साथ लेकर प्रदर्शन करने लगीं।
देहरादून में भी सामने आए ऐसे मामले
वहीं देहरादून में भी कुछ लोगों ने ऐसे ही आटे की लोई बनाकर उसे पानी में भिगाया जिसके बाद एंत में प्लास्टिक हाथ में रह गया औऱ लोगों ने आटा फेंक दिया. अब लोगों के मन में डर घर कर गया है कि प्लास्टिक से बिमारी का शिकार न हो जाए.
खाद्य सुरक्षा की टीम बाजार में जाकर सैंपल नहीं ले रही
महिलाओं का कहना था कि खाद्य सुरक्षा की टीम बाजार में जाकर सैंपल नहीं ले रही। किसी भी सामान की जांच नहीं हो रही है। बाजार में खुलकर नकली पदार्थों की बिक्री हो रही है और अधिक मुनाफे के लिए लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यह आटा रम्पुरा, ट्रांजिट कैंप आदि मोहल्ले में बिक रहा है। उधर, इस संबंध में जब द्वारिका फ्लोर मिल के मालिक बलराम अग्रवाल से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन उठाने के बाद काट दिया।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष सयाना ने बताया कि अभी आटे में मिलावट की कोई खबर नहीं है। यदि शिकायत आती है तो सैंपल ले लिया जाएगा और जांच के लिए भेज दिया जाएगा।
हालांकि कुछ जानकारों की राय है कि ये मात्रा स्टार्च की है. अगर ये स्टार्च न होकर प्लास्टिक होता तो गलने पर प्लास्टिक तवे पर या रोटी के साथ गलता हुआ प्रतीत होता.