देहरादून- राज्य में कैशलेस इकोनॉमी की बात जरूर हो रही हो लेकिन ये भी सच है कि राज्य के दूरस्थ इलाकों में न तो बिजली है और न बैकों की सीबीएस शाखाएं हैं। वहां एटीएम भी नहीं है और आज भी वहां नगदी में ही लेन-देन होता है। जबकि उन दुर्गम इलाकों में पशुपालन, जड़ीबूटी और नगदी फसल का कारोबार बढिया पैमाने पर होता है। इतना ही नहीं स्मार्ट फोन के जमाने में वहां बेसिक फोन भी सलीके से काम नहीं करते। भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि मोबाइल कनेक्टिविटी किसी सपने की तरह है। ऐसे में कैशलेस ट्रांजेक्शन कैसे होगा इस पर लगता है किसी ने अध्ययन नही किया। हालांकि राज्य के मुख्य सचिव एस रामास्वामी की माने तो सरकार इस समस्या से निजात पाने की कोशिशों में लगी है और केंद्र सरकार से वी सेट मंगाने की कोशिशें की जा रहीं हैं। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि जिस वी-सेट की बात मुख्य सचिव कर रहे हैं उससे आम जनता को क्या सहूलियत मिलेगी।