उत्तराखंड में कोरोना पैर पसार रहा है। कोरोना को ये मौक लोगों की लापरवाही केकारण मिल रहा है। जी हां लोगों की लापरवाही के कारण। लोगों की लापरवाही के कारण कोरोना को मौक मिल गया है पैर पसारने का, स्थिति बिगाड़ने का, अर्थव्यवस्था गिराने का, हालत खराब करने का, लोगों को बीमार करने का, इम्यूनिटी घटाने का…कोरोना हमे दिखता नहीं है लेकिन उसका प्रकोप आज पूरी दुनिया देख रही है और देख चुकी है लेकिन लोगों को तो दिखता हैं. एक बार के लिए अंधे को हम बोल सकते हैं कि दुनिया देख नहीं सकता…लेकिन आंख वाले तो देख रहे हैं कि स्थिति क्या है…फिर लापरवाही क्यों..अक्सर बाजारों में देखा जा रहा है लोग मास्क तो लगा रहे हैं लेकिन चिपक-चिपक कर खरीदारी कर रहे हैं। जहां सस्ती सब्जी मिल रही है। उन सस्ती सब्जियों के लिए जिंदगी दांव पर लगा रहे हैं। जहां त्यौहार आय़ा तो लोग उसकी खरीदारी के चक्कर में सोशल डिस्टेंसिंग को ही भूल जा रहे हैं। ऐसे में कोरोना को बहुत बड़ा मौका हम दे रहे हैं।
लोग ठुड्डी में लगा रहे मास्क, 5 केजी आटे के कट्टे के चक्कर में जिंदगी दांव पर
अक्सर देखा जा रहा है कि सब्जी वाले, दुकानदार यहां तक की लोग भी मास्क को ठुड्डी में लगा रहे हैं जैसे कोरोना मूंह नाक से नहीं बल्कि ठुड्डी से शरीर में प्रवेश करेगा। लोगों का मास्क मुंह पर न होकर ठु्ड्डी में है। पुलिस वाले भी मास्क को लेकर लापरवाह हैं। जहां गरीबों का राशन बांटा जा रहा है वहां भी लोग भीड़ में आ रहे हैं और एक 5 केजी आटे के कट्टे के चक्कर में अपनी और ओऱों की जिंदगी दांव पर लगा रहे हैं। नेता अपनी वाह वाही के लिए राशन बंटवा रहे हैं लेकिन लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को नहीं कह रहे नतीजा हर दिन मामले बढ़ रहे हैं।
सस्ती सब्जी न पड़ जाए महंगी
वहीं बाजारों में देखा जा रहा है कि महिलाएं सस्ती सब्जी के चक्कर में भीड़ में खरीदारी कर रही हैं। महिलाएं दो चार रुपये के लिए चक्कर कोरोना को पैर पसारने का मौक दे रही हैं. अपनी और अपने परिवार वालों की जिंदगी भी दांव पर लगा रही है। कहीं ऐसा न हो की सस्ती सब्जी महंगी पड़ जाए। डॉक्टर, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मी अपनी जिंदगी दांव पर लगा कर देश की जनता प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखने के लिए दिन रात ड्यूटी पर तैनात है। कइयों ने अपनी जान तक गवाई लेकिन लोगों की समझ से परे है कि लोगों को आखिर क्यों समझ नहीं आ रहा है।
कहने को तो देश हमारा, राज्य हमारा लेकिन…
उत्तराखंड में प्रतिदिन 500-600-700 मामले सामने आ रहे हैं. हर दो दिन में 1000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं…लेकिन लोगों को क्या…कहने को तो देश हमारा, राज्य हमारा लेकिन लोग ये नहीं समझते कि इस देश और राज्य को बचाने की जिम्मेदारी भी हमारी है। अगर देश को राज्य को और खुद को खुद के परिवार को कोरोना से बचाना है तो दूरी तो जरुरी है और मास्क भी।