देहरादून : इंटरनेट, सोशल मीडिया ने जहां लोगों को सहूलियत दी अपने विचार, अपने दिल की बात शेयर करने की तो वहीं कुछ लोगों ने इसका गलत इस्तेमाल कर जुर्म भी किया…जिसका शिकार हुए मासूम लोग. जी हां उत्तराखंड में फेसबुक के जरिए धोखाधड़ी, फ्रोड जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं.
दून में इस समय लड़कियों का ऐसा गिरोह सक्रिय
अगर आपको लड़कियों से दोस्ती कराने के लिए किसी का फोन आए तो आप उत्साहित न हो बल्कि सजग होकर पड़ताल करें. दून में इस समय लड़कियों का ऐसा गिरोह सक्रिय है जो फ्रेंडशिप क्लब के जरिये हाईप्रोफाइल लड़कियों से दोस्ती कराने के नाम पर युवकों को ठगी का शिकार बना रहा है।
बीते दिनों दून पुलिस के साइबर सेल को ऐसी ही एक शिकायत मिली थी। जिसमें एक लड़की ने फोन के जरिये एक युवक को संपर्क कर बताया कि वह हाईप्रोफाइल महिलाओं और कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों से दोस्ती कराती है। युवक ने पहले मना किया, लेकिन बाद में वह झांसे में आ गया। तब लड़की ने कहा कि उसे पहले उसके क्लब की सदस्यता लेनी होगी।
युवक ने झांसे में आकर करीब 43 सौ रुपये लड़की द्वारा बताए बैंक अकाउंट में जमा करा दिए, लेकिन उसकी किसी महिला या लड़की से मुलाकात नहीं हुई। बाद में वह फोन नंबर बंद हो गए, जिनसे उसे फोन आते थे।
जिस भी नंबर से कोल आते सब फर्जी नं.
पुलिस के अनुसार अब तक की जांच में पता चला है कि जिन नंबरों से युवक को कॉल किए गए थे, वह सभी फर्जी नाम और पते पर लिए गए थे। ऐसे में जाहिर है कि लड़कियों से दोस्ती कराने के नाम पर शातिर गिरोह इन दिनों दून में सक्रिय हो गया है, जिसमें लड़कियां भी शामिल हैं।
इस तरह के क्लब दो से पांच या दस हजार रुपये तक की ही ठगी करते हैं। ऐसे में कई लोग बदनामी के डर या फिर पुलिस के फेर में पडऩे से बचने के लिए शिकायत ही नहीं करते। ऐसे में गिरोह बेखौफ लोगों को शिकार बनाता रहता है।
दून में पिछले दो साल में सात सेक्स रैकेट पकड़े, सभी ऑनलाइन
दून में पिछले दो साल में सात सेक्स रैकेट पकड़े जा चुके हैं। यह सभी ऑनलाइन सौदेबाजी करते थे। इन सभी ने फेसबुक, वाट्सएप पर पेज और गु्रप तक बना रखे थे। जिससे रैकेट चलाया जा रहा था। ऐसे में फ्रेंडशिप क्लब के नाम सामने आए धोखाधड़ी के ताजा मामले के पीछे इस नेटवर्क का हाथ होने की संभावना से बिल्कुल भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
फ्रेंडशिप क्लब के नाम पर हुई धोखाधड़ी का मामला संज्ञान में-SSP
एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि फ्रेंडशिप क्लब के नाम पर हुई धोखाधड़ी का मामला संज्ञान में है। साइबर सेल को फोन नंबर और बैंक अकाउंट के जरिये नेटवर्क का पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही इस तरह के क्लब चलाने वालों के बारे में खुफिया इनपुट जुटाए जा रहे हैं।