देहरादून- अगर आप भी किसी बैंकिंग को-ऑपरेटिव सोसयटी के सदस्य हैं और उसके झांसे में फंस कर लेन देन कर रहे हैं तो सावधान हो रहें।
दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ने जानकारी दी है कि, उत्तराखंड में अवैध रूप से एक दर्जन के करीब मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी अपना नजायज धंधा चला रही हैं।
जबकि इन्हें अपने सामान्य सदस्यों से धन जमा करने और बिना आरबीआई की अनुमति के बैंकिंग गतिविधि संचालित करने मान्यता नही है। इतना ही नहीं रजिस्ट्रार कॉपरेटिव सोसाइटीज ने जब छानबीन की तो इनके पते भी गलत पाए गए।
ऐसे में तय किया गया कि इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और जिन राज्यों में इनके मुख्यालय हैं वहां से गिरफ्तार किया जाय। साथ ही सेंट्रल रजिस्ट्रार सोसाइटीज को भी इनका पंजीकरण रद्द करने के लिए लिखा जाएगा। ये सारी बात उस वक्त तय हुई जब राज्य के मुख्यसचिव उत्पल कुमार ने बैंकिंग गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बैंकिग सेवाओं से जुड़े अधिकारियों की मीटिंग ली।
वहीं आरबीआई ने जानकारी दी कि उत्तराखंड ग्रामीण मुस्लिम फण्ड ट्रस्ट, आराध्या कंज्यूमर सेल्स रिलायंस कोआपरेटिव बैंक, मानव जन कल्याण एवं जनहित संस्था, जनशक्ति मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी, धेनु एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, एवर ग्रीन मल्टी स्टेट मल्टी पर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी राज्य में बिना आरबीआई की अनुमति के बैंकिंग गतिविधियां चला रहे हैं। जबकि इनके खिलाफ कार्रवाई चल रही है।