देहरादून- उत्तराखंड में सरकारी तालीम को पटरी पर लाने की कवायद जारी है। इस बीच आज दो दिवसीय विधानसभा सत्र में कैग की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखा गया। रिपोर्ट में शिक्षा महकमे की कई कारगुजारियां उजागर हुई हैं।
साल 2015-16 की महालेखा नियंत्रक की रिपोर्ट में सदन को बताया गया कि शिक्षा के अधिकार कानून का राज्य में माखौल उड़ाया गया। कैग की रिपोर्ट मे कहा गया है कि साल 2015-2016 में कई नकाबिल शैक्षिक संस्थानों को 19 लाख का भुगतान किया गया। जबकि स्कूलों में बच्चों की हाजरी जांचे बिना ही स्कूलों को 45 लाख रूपए का भी भुगतान किया गया है।
वहीं शिक्षा के अधिकार के अनुपालन की जांच में दिखा कि महकमा 7.07 करोड़ रुपए के बजट का कोई इस्तमाल नहीं कर पाया