देहरादून, संवाददाता – मौजूदा सरकार की तकरीबन आखिरी मानी जाने वाली कैबिनेट बैठक में आज कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई और कैबिनेट ने अपनी सहमति की मुहर लगाते हुए उन प्रस्तावों को पास भी किया। उत्तराखंड केंद्रीय कर्मचारी सेवा नियमावली 2016 को कैबिनेट ने स्वीकृति दी। वही अब राज्य में भौतिक संसाधनों के निर्माण कार्य के लिए
ब्रिज रोपवे टनल एंड अदर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बनाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई। माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में राज्य के भीतर बड़े पुल, रोपवे, सुंरग जैसी बड़ी परियोजनाओं का निर्माण यही संस्था करेगी।
वहीं कैबिनेट बैठक में भागीरथी मास्टर प्लान को लेकर भी चर्चा हुई जिसमे केंद्र सरकार के अपनाए गए रवैये पर नाराजगी जताई गई। कैबिनेट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि भागीरथी मास्टर प्लान में जो केंद्र ने तब्दीली करते हुए ईको सेंसटिव जोन के दायरे को बढाया है उसके लिए राज्य सरकार को विश्वास में नहीं लिया गया। वहीं राज्य में सड़क बनाने के लिए राष्ट्रीय मानकों के पालन न होने से भी नाराजगी जताई गई।
इसके अलावा कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि जिन परियोजनाओं में आउट सोर्स पर तैनात मुलाजिम अपनी सेवा दे रहे है अगर किसी कारण वश परियोजना बंद हुई तो इन कर्मचारियों को विभाग की रिक्तियों में अधिमान दिया जाएगा। वहीं कैबिनेट ने हरिद्वार के खादर इलाके के विकास के लिए उत्तराखंड खादर विकास बोर्ड के गठन पर भी मुहर लगाई।
इसके अलावा पर्यटक स्थल केम्टीफाल के नजदीक आबाद आबादी को भी नियमतिकरण के दायरे मे लाने व देहरदून के प्रेमनगर की पेंच में फंसे आवासों को भी साल 2000 के सर्किल रेट से नियमतिकरण करने पर भी कैबिनेट ने सहमति जताई है। वहीं भाट समुदाय के लिए चंदबरदाई छात्रवृति देने के लिए 50 लाख के कार्पस फंड बनाने पर भी मोहर लगाई है।