नई दिल्लीः शराब पीने वालों की तादात कम होने का नाम नहीं ले रही। शराब चाहे कितनी ही महंगी क्यों ना हो जाए। बावजूद शराब पीने वालों की संख्या कम होने के बजाय बढ़ रही है। भारत में 2010 से 2017 के बीच शराब पीने वालों की संख्या में 38 प्रतिशती की बढ़ोतरी हुई है। जबकि दुनिया में 1990 के बाद से अब तक शराब की प्रतिवर्ष की खपत में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
शराब के सेवन को लेकर एक रिसर्च सामने आई है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, भारत में साल 2010 से 2017 के बीच यह खपत प्रति व्यक्ति के हिसाब से सालाना 4.3 से 5.9 लीटर पाई गई। इससे यह भी साफ हो जाता है कि शराब पीने वालों की क्षमता भी बढ़ी है। वहीं, अमेरिका और चीन में शराब पीने वालों की संख्या में मामूली इजाफा हुआ है। यह भी कहा गया है कि 2030 तक लगभग आधे वयस्क शराब का सेवन करने लगेंगे जबकि 23 फीसद महीने में कम से कम एक बार शराब का सेवन करेंगे।
लैनसेट जर्नल ने इस रिसर्च पेपर को रिलीज किया है। साल 1990 से 2017 के बीच हुए इस अध्ययन में दुनिया के 189 देशों को शामिल किया गया। शोध में यह भी कहा गया है कि यदि शराब की खपत इसी तरह जारी रही तो साल 2030 तक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक एल्कोहॉल के खिलाफ चलाई गई मुहिम को लक्ष्य के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाएगी।