देहरादून। प्रदेश के गन्ना किसानों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। आलम ये है कि गन्ना किसानों के कंधे पर बयानों की बंदूक रख कर केंद्र सरकार पर फायर दागे जा रहे हैं। प्रदेश की कांग्रेस सरकार केंद्र सरकार पर गन्ना किसानों की उपेक्षा का आरोप लगा रही है। सूबे के गन्ना मंत्री का कहना है कि केंद्र से हमे बजट नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार प्रदेश सरकार की आर्थिक मदद नहीं कर रही है। जिससे गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं हो पा रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार अपने बजट से गन्ना किसानो का भुगतान कर रही है।
बहरहाल बड़ा सवाल ये है कि जब सूबे का गन्ना राज्य की सरकारी मिलों में समय पर पेरा गया और उसकी चीनी भी वक्त पर बनी तो फिर किसानों को भुगतान समय पर क्यों नहीं हो रहा । आखिर वो चीनी कहां गई बाजार में बिकी तो उसका भुगतान मिला या नहीं या फिर चीनी मुफ्त में बांटी गई। आखिर सरकारी मिलों में उस गन्ने का क्या किया गया ? सवाल ये भी है कि अगर चीनी के बढ़े दामों के बावजूद सरकारी मिलें घाटें में जा रही हैं तो उसकी वजह क्यों नहीं तलाशी जा रही है आखिरी निजी मिलें उसी गन्ने से मोटा मुनाफा कैसे कमा रही हैं।