काशीपुर। काशीपुर रेलवे स्टेशन पर बोरा लादे संदिग्ध हालात में घूम रहे भिखारी को जीआरपी कर्मियों ने शक होने पर हिरासत में ले लिया। जब बोरे की तलाशी ली गई तो उसमें लगभग 42 हजार के दो, पांच और दस रुपए के सिक्के भरे मिले। पूछताछ में पता चला कि विभिन्न जगहों में भीख मांगकर वह 15 साल में सवा तीन लाख रुपए की एफडी करने के साथ ही सवा लाख रुपए बैंक खाते में जमा करवा चुका है। हालांकि, भिखारी के बताए पते के आधार पर तस्दीक करने के बाद जीआरपी कर्मियों ने उसे छोड़ दिया। बृहस्पतिवार सुबह गश्त कर रहे जीआरपी कर्मियों ने कट्टा लेकर स्टेशन पर घूम रहे एक अधेड़ को पकड़ लिया। तलाशी लेने पर उसके पास से 42 हजार रुपए के सिक्के बरामद हुए।
यह देख जीआरपी कर्मी हैरत में पड़ गए। पूछताछ में उसने बताया कि उसका नाम अमीर हुसैन है और वह सैदरा (रामपुर) का रहने वाला है और पिछले 15 सालों से मुरादाबाद, रामपुर, काशीपुर, हल्द्वानी सहित कई जगहों पर भीख मांग रहा है। उसने बताया कि उसके दो भाइयों ने उसके हिस्से ही जमीन हड़पकर उसे घर से निकाल दिया। इसके बाद भीख मांगकर उसने अपने गांव के बैंक में एक लाख 21 हजार रुपए जमा किए हैं। साथ ही तीन लाख 22 पहजार रुए की एफडी भी की है। पूछताछ में उसने बताया कि वह सिक्कों के बदले नोट लेने की कोशिश कर रहा था, लेकिन कोई देने वाला नहीं मिला। जीआरपी चौकी प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि भिखारी के पास से प्लास्टिक की बोतल और पॉलीथिन में बांधकर रखे दो, पांच और दस के सिक्के मिले हैं, जो कुल 42 हजार रुपए के हैं। इसके अलावा कुछ नोट भी हैं। उसके गांव में तस्दीक की गई तो कोई संदिग्ध जानकारी नहीं मिली, जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया।