रामनगर संवाददाता- 8 नवम्बर के बाद से यानि जब से नोट बंदी हुई है तब से उत्तराखंड में होटल इंडस्ट्री की कमर ही टूट गई है। आलम ये है कि नए साल और क्रिसमस के मौके पर भी रामनगर जैसी जगह पर होटल, सैलानियों की आमद से गुलजार नहीं हैं। जबकि धंधे की रंगत फीकी न पड़े इसके लिए होटल कारोबारियों ने दामों में 40 फीसदी छूट तक का ऐलान कर रखा है बावजूद इसके होटल व्यवसायियों के चेहरे पर उदासी छाई हुई है। तय बुकिंग कैंसिल हो गई हैं।
तमाम इंतजामों के बावजूद रामनगर जैसी जगह के लिए भी सैलानी सैर पर नहीं निकल रहे हैं। होटल कारोबारियों की सैलानियों की खिदमत में की गई तैयारियां धरी की धरी रह गई हैं। नोटबंदी के चलते पर्यटको की संख्या लगातार कम होती जा रही है। ऐसे में कारोबार बचाने और खुद की रोजी-रोटी के लिए होटल कारोबारियों ने सरकार से टैक्सों का बोझ कम करने की फरियाद लगाई। जिस पर फौरन अमल करते हुए राज्यसरकार ने होटल एवं रिसोर्टों से इंटरटेनमेंट टैक्स को हटा दिया है। नोटबंदी का बड़ा असर दिखना शुरू हो गया है।