देहरादून : सात साल पुराने मामले को लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय सहित तीन विधायक और 22 लोगों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. जी हां बड़ी खबर है कि कोर्ट ने सरकार द्वारा मुकदमे वापस लेने की याचिका को खारिज कर दिया है जिससे कभी भी शिक्षा मंत्री समेत विधायकों और अन्यों की गिरफ्तारी हो सकती है. आपको बता दें कि कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था औऱ पुलिस ने गिरफ्तारी को लेकर सात सब इंस्पेक्टर की टीमें गठित कर दी है.
मामला 2012 का, युवक भगा ले गया था युवती को
शिक्षा मंत्री-विधायकों समेत कइय़ों के खिलाफ हुआ था केस दर्ज
तत्कालीन कोतवाल जेसी पाठक की तहरीर पर पूर्व सांसद बलराज पासी, काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा, गदरपुर विधायक (अब मंत्री) अरविंद पांडे, रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल, आदेश चौहान, खिलेंद्र चौधरी, सीमा चौहान समेत 15 लोगों को नामजद करते हुए अन्य लोगों के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने और धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में केस दर्ज किया था। मामले की विवेचना तत्कालीन एसएसआई भीम भास्कर आर्य ने की। न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल होने पर आरोपी पक्ष ने 22 अगस्त 2014 को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर को चुनौती दी। 26 जुलाई 2019 को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। सिविल जज (सि.डि)/एसीजेएम न्यायालय ने सभी आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए थे।
सरकार ने की थी केस वापस लेने की प्रार्थना पत्र दाखिल
वहीं इसके बाद सरकार की ओर से अभियोजन अधिकारी के माध्यम से जनहित में केस वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र न्यायालय में दिया गया था। एसीजेएम/सिविल जज (सी.डि) विनोद कुमार बर्मन ने सुनवाई के बाद प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया और शिक्षा मंत्री समेत 22 लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। पूर्व में गिरफ्तार दो आरोपियों को मिल चुकी है जमानत जसपुर में एनएच पर यातायात अवरुद्ध करने और उन्माद फैलाने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके दो आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। पूर्व में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद जसपुर पुलिस ने 31 अगस्त को ग्राम मनोरथपुर निवासी हरप्रीत सिंह हैप्पी और पतरामपुर निवासी अशोक कुमार को गिरफ्तार किया था।