देहरादून 28 जुलाई – आज हुए मंत्रिमंडल विस्तार में हरीश रावत ने नवप्रभात को शामिल करके जहाँ मुसीबत के समय अपने साथ खड़ा रहने का इनाम दिया है तो वहीँ नवप्रभात के बहाने ब्राम्हण कार्ड भी बखूबी खेल दिया है। जहाँ नवप्रभात को कैबिनेट में करके हरीश ने प्रदेश के ब्राम्हणों को लुभाने की कोशिश की है तो वहीँ बहुगुणा के भाजपा में जाने और खंडूरी समर्थक ब्राम्हणों को भी खुश करने में कसर नहीं छोड़ी है। गौरतलब है की नवप्रभात के पिता स्वर्गीय पंडित ब्रम्हदत्त का उत्तराखंड ,खासतौर से गढ़वाल में अच्छा प्रभाव था और नवप्रभात की भी पकड़ पछवादून और देहरादून में ठीक ही है।इस तरह से हरीश ने जहाँ कैबिनेट का संतुलन ठीक किया है वहीँ ब्राम्हण कार्ड भी खेल दिया है।