देहरादून। बड़ा सवाल यही है कि पिछले कुछ वक्त से अजातशत्रु मानी जा रही बीजेपी का जादू क्या खत्म हो रहा है? बीजेपी में भी किसका जादू चुनावों की कसौटियों पर फिर से कसा जाने लगा है सवाल ये भी है। रुड़की में नगर निगम चुनावों के नतीजे आ चुके हैं। मेयर पद पर बीजेपी के बागी और निर्दलीय गौरव गोयल ने जीत दर्ज की है। गौरव गोयल जीतें हैं ये एक खबर है, दूसरी खबर ये भी है कि बीजेपी यहां मेयर पद के चुनावों में तीसरे नंबर पर खिसक गई।
आखिर ऐसा क्या हुआ कि हरिद्वार में मेयर का पद गंवाने के बाद बीजेपी ने रुड़की में भी मेयर पद गंवा दिया। वो भी तब जब खुद मुख्यमंत्री यहां चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे। सीएम त्रिवेंद्र ने खुले मंच से इस बात को एक तरह से सार्वजनिक कर दिया कि बीजेपी के मेयर पद के प्रत्याशी मयंक गुप्ता की पहुंच सीएम दरबार में बेहद अच्छी है। इसके बावजूद मयंक गुप्ता कारनामा नहीं कर पाए। बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंकी, नैनीताल सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट समेत तमाम बड़े नेता चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे। बावजूद इसके जनता ने बीजेपी पर भरोसा नहीं जताया। ऐसे में तमाम बड़े सवाल खड़े होते हैं। क्या बीजेपी चुनावी रणनीति तैयार करने में फेल हो गई। फिर राज्य सरकार के कामकाज को रुड़की में लोगों ने स्वीकार्यता क्यों नहीं दी? हरिद्वार से बीजेपी सरकार के कद्दावर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक आते हैं। मदन कौशिक के होने के बावजूद बीजेपी मेयर पद पर तीसरे नंबर पर कैसे चली गई?
ये वो तमाम सवाल हैं जो बीजेपी को परेशान करेंगे। फिर हर चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे नहीं किया जा सकता लिहाजा स्थानीय तौर पर बीजेपी को मजबूत चुनावी रणनीति पर फोकस करना होगा। कुनबा बड़ा होना भी बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन गया है। निर्दलीय जीत कर आए गौरव गोयल पहले बीजेपी में ही हुआ करते थे लेकिन पार्टी में नेताओं की बहुतायत के चलते उनकी जगह मयंक गुप्ता को टिकट दे दिया गया। बताया जा रहा है कि टिकट मिलने के बाद से ही बीजेपी का एक धड़ा समझ गया था कि इस बार जीत मुश्किल है। और हुआ भी ऐसा ही। अब चुनावों के बाद बीजेपी य़कीनन इस मसलों पर मंथन करेगी कि राज्य में किसका जादू खत्म हो रहा है क्योंकि जादू यूं ही खत्म होता रहा तो ढाई साल बाद होने विधानसभा चुनावों में बीजेपी अपनी सत्ता खो भी सकती है।