संवाददाता। टिकट बंटवारे से भाजपा के भीतर उपजी फूट अब 6 सीटों के लिए कांग्रेस की राह ताक रही है। भले ही भाजपा ने 64 सीटों पर उम्मीदवार खड़े कर दिए हों लेकिन टिकट वितरण से उपजा विवाद अब पार्टी मुख्यालय की चौखट तक आ चुका है। 2017 के विधानसभा चुनावों में जीत का दावा कर रही भाजपा का एक सच ये भी है कि उसके कई पुरनिए नेता अब पार्टी से विमुख होने लगे हैं। पार्टी के कैडर वोट पर अच्छी पकड़ रखने वाले नेताओं ने या तो इस्तीफा दे दिया या दूरी बना ली। कुछ एक ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान तक कर दिया है। इस विवाद से उपजे असंतोष को पार्टी के आला नेता भांप चुके हैं। माना जा रहा है कि इसीलिए भाजपा 6 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों से पहले पत्ते नहीं खोलना चाहती।
जिन 6 सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए है उन सीटों पर भी हालात अच्छे नहीं हैं। कहीं उम्मीदवारों की फौज है तो कहीं जिताऊ उम्मीदवार ही नहीं मिल रहा है। ऐसे में चुनावी वैतरणी में भाजपा की नैया पार लगना मुश्किल हो जाएगा। इस सबके बीच अजय भट्ट का ये बयान कि नाराज लोगों को मनाने की हरसंभव कोशिश होगी, ये बताने के लिए काफी है कि नाराज नेताओं का प्रभाव पार्टी समझ रही है।