उधम सिंह नगर (मोहम्मद यासीन) : विधानसभा में समीक्षा बैठक में किसानों से गेहूं खरीद के 96 लाख रुपए बकाया का भुगतान सहकारी समितियों द्वारा न करने पर सहकारिता मंत्री द्वारा अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाने के मामले पर पूर्व दर्जा राज्यमंत्री डॉ गणेश उपाध्याय ने कहा कि सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। माननीय उच्च न्यायालय के 20 अप्रेल 2020 निर्णय में सरकार ने खंड पीठ में लिख कर दिया था कि 48 घंटे से लेकर अधिकतम 1 सप्ताह के भीतर किसानों को गेहू के फसल का भुगतान कर दिया जाऐगा लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी सरकार का ढर्रा वही पुराना है। सहकारिता मंत्री द्वारा अधिकारियों की लताड़ इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि उत्तराखंड में सरकार किसानों के साथ किस प्रकार दोगलापन कर रही है।
कहा कि गन्ने का 6 अरब रुपये का भुगतान बकाया, सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। 13 किसान ने आत्महत्या कर चुके हैं। किसानों के गेहूं के फसल का बकाये का भुगतान के ना होने से धान की रोपाई के रुपये किसानों के पास नहीं है। यदि किसान कर्जा लेकर फसल बुआई करेगा तो कर्ज मे डूबता चला जायेगा। एक तरफ सरकार किसानों की आय 2022 मे दोगुनी करने की बात करती है। वहींं दूसरी ओर किसानों के करोड़ो रूपये के बकाये का भुगतान महीनों तक रोककर उन्हे कर्ज के दलदल में धकेल रही है। किसानों को बच्चों की स्कूल की फीस, बीज, खाद, कीटनाशक के लिए तमाम तरह के कर्ज लेने पड़ रहे हैं।
वहीं प्रदेश में बेरोजगारों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। बेरोजगारी को सबसे ज्यादा बढ़ाने की जिम्मेदार उत्तराखंड की भाजपा सरकार है जिसने 3 सालों से लोक सेवा आयोग के एक भी पद पर भर्ती नहीं की है। बीएड बेरोजगार 4 साल से सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर रहे हैं। समूह ग की भर्तियां रुकी पड़ी है। नई भर्तियों में सरकार के ढीलेपन से धांधली के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कुछ समय बाद किसानों की तरह बेरोजगार भी आत्महत्या करने को विवश होंगे।