रुड़की(शुभांगी सोहेवाल)- माता पिता दिन रात मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों का अच्छे यूनवर्सिटी में दाखिला कराते हैं ताकि बच्चे डिग्री लेकर अच्छी नौकरी पा सकें. और साथ ही उनका भविष्य सुधर सके. लेकिन कुछ संस्थान ऐसे है जो चंद रुपयों के लिये किसी का भी भविष्य खराब कर देने में जरा भी संकोच नहीं करते. जिससे बच्चे ऐसा काम करने को मजबूर होना पड़ता है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते क्या सरकार ऐसी यूनिवर्सिटीयो पर कानूनी कार्यवाही नही कर सकती जिससे देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चों का भविष्य बच सके और देश मे हो रही आत्मदाह जैसी घटना को रोका जा सके
मदरहुड़ इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में फर्जीवाड़ा
ऐसा ही एक मामला भगवानपुर स्तिथ मदरहुड़ यूनिवर्सिटी में सामने आया है. जहां एक पीड़ित छात्रा ने अपने परिवार वालो के साथ जाकर भगवानपुर थाने में मदरहुड़ इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक प्रेमवीर एवं संचालक धर्मेंद्र भारद्वाज के खिलाफ फर्जी डिग्री देने पर मामला दर्ज कराया है.
कोर्स कराने के नाम पर लिए 65000 हजार रुपये
वहीं पीड़िता का कहना है कि मुझे विशवास दिलाया गया कि शैक्षिक संस्थान बी.एड. मान्यता प्राप्त है. जिसपर मुझसे कोर्स कराने के नाम पर 65000 हजार रुपये ले लिए गये.
एडमिशन 2015 का और डिग्री दी 2014 की
हद तो तब हो गई जब छात्रा को 2014 की डिग्री दी गयी जबकि पीड़ित छात्रा का एडमिशन 2015 में हुआ था. जिसकी शिकायत निदेशक से की गई तो पहले तो अंक तालिका सही करने की बाते करते रहे बाद में पीड़िता के साथ गाली गलौच करके सबक सिखाने की बात कही. जिसकी शिकायत पीड़िता ने परिजनों से की, जिस पर पीडिता के परिजनों आज भगवानपुर थाने में धोखादड़ी का मामला दर्ज कराया गया..
वहीं पूरे मामले पर भगवानपुर थानाध्यक्ष राजीव चौहान का कहना है कि पीड़िता को फर्जी डिग्री देने का मामला सामने आया जिसका मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जिसकी जाँच कर जल्द कार्यवाही की जाएगी.
वही एस एस पी हरिद्वार ने भी जल्द कार्यवाही करने की बात कही है