देहरादून- उत्तराखंड एक छोटे से राज्य में भी अब आए दिन घोटाले सामने आने लगे हैं. जिसमें लाखों रुपये का गबन का मामला सामने आया है औऱ बात है देहरादून के उस इलाके की जहां कांग्रेस के सरकार के दौरान राजकुमार विधायक थे और वर्तमान में खजानदास विधायक हैं.
सरकार कोई भी औऱ किसी की भी सरकार आए और जाए…दावे हर कोई करता है और जुमलेबाजी भी लेकिन इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है तो सिर्फ जनता को. जिनको बेवाकूब बनाया जाता है वोट बैंक के लिए. लेकिन कोई ये क्यों नहीं समझता कि जनता अगर सत्ता में लाना जानती है तो सत्ता से बाहर फेंकना भी जानती है.
जमकर किया गया पैसों का बंदरबांट, हो सकता है बड़ा खुलासा
जी हां आज जनता जन आंदोलन चेरिटेबल ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण खन्ना (अधिवक्ता,पार्षद नगरनिगम) के कार्यालय में उत्तराखंड पूर्व सैनिक एवं अर्धसैनिक संगठन के पौड़ी जिला अध्यक्ष सूबेदार मेजर ओ. कैप्टन अर्जुन सिंह रावत एक शिकायत लेकर आए. जिसने उत्तराखंड में हुए एक बड़े घोटाले से पर्दा उठाया. राज्य में कांग्रेस सरकार के टाइम हुए घोटाले जिसका किसी को पता भी नहीं था अचानक सामने आया. जिसकी जांच के बाद एक बड़ा खुलासा हो सकता है.
मामला देहरादून के पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के कचहरी स्तिथ कार्यालय का
मामला देहरादून के पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के कचहरी स्तिथ कार्यालय पानी की समस्या औऱ बोरिंग कार्य के निर्माण से जुड़ा है. जिसमे जमकर पैसों का बंदरबांट किया गया क्योंकि जिस जगह बोरिंग का निर्माण की बात कही गई थी वहां न पाइप लाइन बिछाई गयी औऱ न ही मोटर लगाई गई. बड़ा सवाल है आखिर पैसा गया तो गया कहा.
अधूरा निर्माण, न बिछाई पाइप लाइन, न लगाई मोटर
दरअसल शिकायत कर्ता ने एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से बताया कि कराया कि पूर्व कोंग्रेस सरकार के मंत्री और विधायक राजपुर राजकुमार ने पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के कचहरी स्तिथ कार्यालय में पानी की समस्या के निवारण के लिए बोरिंग का कार्य करवाया था लेकिन बोरिंग होने के उपरांत कार्य को अधूरा छोड़ते हुए न ही पाइप लाइन बिछाई गई और न ही मोटर लगाई गई और कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया. जिसकी शिकायत कई बार पूर्व कोंग्रेसी विधायक राजकुमार और वर्तमान में मौजूद विधायक खजान दास को की गई लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने समस्या का संज्ञान अभी तक नही लिया. जिस कारण इस कार्यालय में आने वाले पूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं को भरी गर्मी में जल समस्या से जूझना पड़ रहा है।
जनता सत्ता में लाना जानती है तो सत्ता से बाहर फेंकना भी जानती है
सोचने वाली बात है जिसको जनता अपनी समस्याओं के निवारण के लिए चुनती है. सरकार भी अपनी झूठी शान बचाने के लिए लाख दावे भी करती है लेकिन खुलेआम लोगों के साथ इतना बड़ा धोखा करते हुए उनको जरा भी डर नहीं लगता कि. जहां एक और देश के सेवा के लिए सीमा पर डटे रहते हैं और आए दिन शहीद हो रहे हैं उनके साथ इतना बड़ा मजाक किया गया.
लाखों रुपयों का आपस में ही बंदर बाट कर डकार लिया गया
बड़ा सवाल ये है कि आखिर बोरिंग का निर्माण क्यों बीच में छोड़ दिया गया. क्या इसके लिए बजन जारी नहीं किया गया था और नहीं किया गया तो क्या बिना बजट के इस कार्यालय में बोरिंग का कार्य शुरु कराया गया. या फिर बोरिंग के लिये आवंटित लाखों रुपयों का आपस में ही बंदर बाट कर डकार लिया गया. न जाने ऐसे अभी और घोटाले है जो दबे हुए हैं
जनता जन आंदोलन चेरिटेबल ट्रष्ट ने जल्द ही इस समस्या और घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए जिलाधिकारी से बात करने की बात कही औऱ जल्द ही इस मामले पर दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग करने की बात कही.