National : सुशांत सिंह राजपूत केस में बड़ा खुलासा, डिप्रेशन में नहीं थे सुशांत!, शेखर के आरोपों को नकारा - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

सुशांत सिंह राजपूत केस में बड़ा खुलासा, डिप्रेशन में नहीं थे सुशांत!, शेखर के आरोपों को नकारा

Reporter Khabar Uttarakhand
7 Min Read
ADITYA CHOPRA

ADITYA CHOPRAसुशांत सिंह राजपूत खुदकुशी मामले में फिल्मकार और यशराज फिल्म्स के चेयरमैन आदित्य चोपड़ा ने शनिवार को मुंबई पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज करवाया. पुलिस ने आदित्य चोपड़ा को वर्सोवा पुलिस स्टेशन बुलाया था. थाने में आदित्य तीन घंटे से ज्यादा वक्त तक रहे। वहीं आदित्य चोपड़ा ने शेखर कपूर के आरोपों को नकारा और कई खुलासे किए।

पानी फिल्म छूट जाने से सुशांत डिप्रेशन में नहीं थे-आदित्य चोपड़ा

आदित्य चोपड़ा ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि पानी फिल्म छूट जाने से सुशांत डिप्रेशन में नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगर वो पानी फिल्म नहीं करना चाहते तो 5-6 करोड़ रुपये नहीं लगाते। कहा कि सुशांत ने पानी फिल्म के लिए तरीखें तय कर ली थी तो इससे डिप्रेशन में जाने का मतलब ही नहीं है। आदित्य चोपड़ा ने कहा कि शेखर कपूर पानी फिल्म को इंटरनेशनल लेवल पर बनाना चाहते थे। पुलिस को आदित्य चोपड़ा ने बताया कि रामलीला फिल्म के वक्त सुशांत से कॉन्ट्रेक्ट नहीं हुआ था। बता दें कि सुशांत मामले में यशराज फिल्म्स का एंगल काफी महत्वपूर्ण है. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि यशराज फिल्‍म्‍स के साथ सुशांत का क्‍या कॉन्‍ट्रैक्‍ट था.

फिल्मेमकर शेखर कपूर का य़े था बयान

शेखर कपूर ने कहा था कि सुशांत पानी फिल्म हाथ से जाने से डिप्रेशन में थे। कहा था कि ‘पानी’ के बंद हो जाने की वजह से सुशांत को काफी सदमा लगा था और वो टूटकर डिप्रेशन में चले गए थे।  शेखर के मुताबिक, इसे लेकर सुशांत काफी रोते थे, क्योंकि इस फिल्म के लिए उन्होंने अपने कई साल दे दिए थे और कई बड़े ऑफर भी ठुकरा दिए थे। साथ ही इसके बाद जब उन्होंने यशराज फिल्म्स से अपना कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिया तो इंडस्ट्री में उनके साथ सौतेला व्यवहार होने लगा था।

शेखर ने अपने बयान में बताया था कि ‘पानी मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट था जो पिछले 10 सालों से अबतक अधूरा है और सुशांत के जाने के बाद शायद ही कोई उनकी जगह ले पाए। साल 2012-13 के दौर में 150 करोड़ की इस मेगा बजट फिल्म को बनाने के लिए यशराज फिल्म्स में आदित्य चोपड़ा और मेरी मुलाकात हुई थी और तय हुआ कि यशराज के बैनर तले साल 2014 से ये फिल्म बनेगी। इस फिल्म से हमें काफी उम्मीदें थीं।’

फिल्म को लेकर पूरी तरह जुट गए थे सुशांत

शेखर ने अपने जवाब में लिखा कि फिल्म की कास्ट को लेकर सुशांत से मेरी पहली मुलाकात यशराज के स्टूडियो में हुई थी। फिल्म को लेकर यशराज फिल्म्स ने प्री-प्रोडक्शन का काम शुरू किया और लगभग तय था की 150 करोड़ की ये मेगा बजट फिल्म 3 से 4 साल में पूरी हो जाएगी। प्री-प्रोडक्शन में यशराज ने तकरीबन 5 से 7 करोड़ रुपए खर्च भी किए थे और सुशांत की डेट्स भी हमने ब्लॉक कर ली थीं। कपूर ने बताया कि पानी में सुशांत गोरा का किरदार निभाने वाले थे। कहा कि ‘फिल्म में ‘गोरा’ के किरदार को लेकर सुशांत इतनी लगन से जुटा हुआ था कि वो उस रोल का एडिक्ट बन गया था। वर्कशॉप के दौरान भी उसकी एक्टिंग स्किल्स में उसका जुनून और पागलपन दिख जाता था। फिल्म प्रोडक्शन से जुड़ी मीटिंग्स में भी वो मेरे और यशराज की टीम के साथ लगा रहता और बारीक से बारीक जानकारी को समझता था।

‘पानी के लिए उसने कई फिल्में भी छोड़ दी थीं’

शेखर ने कहा था कि फिल्म को लेकर हुई मुलाकातों के दौरान वो  काफी करीबी दोस्त बन गए और निजी जीवन की बातों के साथ-साथ क्वांटम फिजिक्स से लेकर हर तरह की बातें करने लगे। अपने रोल को लेकर वो हर छोटी-छोटी बातें पूछता था। उसने इस प्रोजेक्ट के लिए कई फिल्में भी छोड़ दी थीं।’

फिल्म के कंटेंट को लेकर मेरी और आदित्य की सोच अलग थी

शेखर कपूर ने ई-मेल में भेजे अपने बयान में कहा था कि इन सब बातों के बीच फिल्म के कंटेंट को लेकर मेरी और निर्माता आदित्य चोपड़ा की सोच बिल्कुल अलग-अलग थी। आपस में हम एक-दूसरे से सहमत भी नहीं थे। ‘पानी’ शायद इसी वजह से नहीं बन पाई कि शायद मैं इस कहानी के किसी रूप या पक्ष में किसी तरह का बदलाव नहीं चाहता था।’

आखिरकार फिल्म बनाने का प्लान कैंसिल हो गया

‘दो क्रिएटिव जब साथ बैठते हैं तो उनकी सोच अलग-अलग हो सकती है। मेरी और आदित्य चोपड़ा की सोच भी अलग-अलग थी। जिसके बाद मैं इस फिल्म को बनाने को लेकर यशराज प्रोडक्शन से अलग हो गया और तय हुआ कि फिल्म नहीं बनेगी। शेखर ने कहा कि फिल्म नहीं बनने की जानकारी जब सुशांत को पता चली तो वो टूट गया। इसकी वजह ये थी कि वो शायद मुझसे भी ज्यादा फिल्म में डूब चुका था। उस शाम को वो मेरे पास आया और मुझे पकड़कर मेरे कंधे पर सिर रखकर फूट-फूट कर रोने लगा।उसे रोता देख मैं भी टूट जाता था और मैं भी रोने लगता था। फिल्म के बंद होने का सदमा उसे इतना ज्यादा लगा था कि वो डिप्रेशन में जाने लगा। मैंने उसे संभालने की कोशिश भी की और उसे समझाया कि ये किरदार वो पर्दे पर जिएगा और इसमें निराश होने की जरूरत नहीं है, बस सही वक्त का इंतजार करे।

Share This Article