दुनियाभर में कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक करोड़ों लोग पूरी दुनिया में इसकी चपेट में आ चुके हैं। कोरोना से मरने के सबसे ज्यादा मामले ब्राजील में हैं। अमेरिका में बीच में कोरोना की रफ्तार कम जरूर हुई थी, लेकिन एक बार फिर कोराना का संक्रमण तेजी से फैलता नजर आ रहा है। भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 10 लाख के करीब पहुंच चुका है। दुनियाभर की स्थितियों की समीक्षा करने बाद डब्ल्यूएचओ ने अपने ताजा बयान में कहा है कि अमेरिका और एशिया के कुछ देश दुनिया में बढ़ते कोरोना संक्रमण के लिए खास तौर पर जिम्मेदार हैं। कोविड-19 को रोकने के लिए जिन नियमों के पालन की बात उसने इस बीमारी के प्रारंभिक काल में ही कही थी, उनका पालन ना करने के कारण दुनिया में आज भी लगातार कोरोना के मामलों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है।
महत्वपूर्ण हैं तीन नियम
-हेल्थ एक्सपर्ट्स इस बात को खुलकर स्वीकार कर रहे हैं कि भले ही मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना से बचने की गारंटी ना हों। लेकिन, ये कोरोना संक्रमण के खतरे को काफी हद तक कम कर देती हैं।
-इन नियमों का पालन करने के बाद भी यदि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है तो उस व्यक्ति के शरीर में यह संक्रमण बहुत घातक स्तर पर नहीं पहुंच पाता है, यदि समय रहते उसे इलाज मिल जाए।
-ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यदि किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण कोरोना ड्रॉपलेट्स आपके शरीर में प्रवेश भी कर जाती हैं तो मास्क और सोशल डडिस्टेंसिंग के कारण उनकी संख्या बहुत मामूली होती है। इस कारण आपके शरीर की इम्यूनिटी ही उस वायरस को खत्म करने का काम कर सकती है।
-यदि आप इस वायरस के कारण बीमार भी पड़ते हैं तो आपको माइल्ड सिंप्टम्स होंगे और आपके जल्दी स्वस्थ होने की संभावना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करनेवाले लोगों की तुलना में कहीं अधिक होगी।
निशाने पर अमेरिका और ब्राजील के राष्ट्रपति
एक तरफ अमेरिका जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीफ टेड्रोस पर कोरोना से जुड़ी जानकारी छिपाने का आरोप लगाता रहा है, वहीं अब ट्रेड्रोस इस संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या के लिए खुलकर ट्रंप का नाम ले रहे हैं। अब एक बार फिर अमेरिका में कोविड-19 के केसेज की संख्या बढ़ने लगी है। इसके साथ ही एशिया के कुछ देशों में भी कोरोना का प्रकोप बना हुआ है, जहां मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बात पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए टेड्रोस ने कहा है कि इन देशों द्वारा डब्लूएचओ के जारी नियमों को ना मानने के कारण ही यहां कोविड-19 के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अमेरिका के साथ ही ब्राजील के राष्ट्रपति भी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क और लॉकडाउन का विरोध करते रहे हैं। अब चूकि वहां इस वायरस से मरनेवालों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक करीब 75 हजार है तो इसके लिए ब्राजील के राष्ट्रपति को दोषी मान रहा है।