देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने देहरादून की मलिन बस्तियों को ध्वस्त होने से बचाने के लिए अध्यादेश लाया था। उन्हीं बस्तियों को नियमित करने के लिए अब सरकार दिल्ली सरकार की राह चल पड़ी है। सरकार दिल्ली माॅडल की समीक्षा और अध्ययन कर रही है। सरकार जो अध्यादेश लाई थी, उसे समाप्त होने में एक साल बचा है। राज्य में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। सरकार भी चुनाव के ठीक पहले मलिन बस्तियों को नियमित करने का एलान कर सकती है। अवैध अतिक्रमण पर कोर्ट की सख्ती के बाद मलिन बस्तियों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जानी थी। बस्तियों को बचाने के लिए सरकार तब अध्यादेश लाई थी। जिसके बाद बस्तियों को बड़ी राहत मिली थी।
अध्यादेश के वक्त सरकार ने 3 साल के भीतर इन बस्तियों को विस्थापित या नियमित करने की बात कही थी। उस बात को 2 साल पूरे हो चुके हैं। अध्यादेश को समाप्त होने में केवल एक साल बचा है। जानकारी के अनुसार विभागीय स्तर पर इसको लेकर काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए शहरी विकास निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी पहले ही महाराष्ट्र के ऐक्ट का अध्ययन कर चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब कमेटी प्रमुख तौर पर दिल्ली और साथ ही हरियाणा के ऐक्ट का अध्ययन कर रही है। बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने बस्तियों को मालिकाना हक दिया था। दोनों राज्यों के ऐक्ट का अध्ययन करने के लिए दो अलग कमेटियों का गठन किया गया है, हालांकि कोरोना के कारण कमेटियां अभी दौरा नहीं कर पाई हैं। राज्य में देहरादून नगर निगम समेत प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी सर्वे का काम पूरा हो चुका है।