देहरादून : विधायक पर आरोप लगाने वाली महिला की जाँच में महिला का दावा फ़र्ज़ी निकला। जी हां महिला ने बेटी का डीएनए कराने का दावा किया था और बेटी का पिता महेश नेगी को बताया था। जिसके बाद महिला आयोग ने मामले की जांच की लेकिन जांच में डीएनए टेस्ट का दावा झूठ निकला। महिला आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने जानकारी दी कि महिला ने अपने बच्चे का डीएनए कराया ही नही था। महिला द्वारा बताया गया अस्पताल से सूचना मिली। बाल आयोग ने पुलिस को डीएनए की जांच में रिपोर्ट मांगी थी। ऊषा नेगी ने बताया कि रिपोर्ट में बच्चे का अभी तक डीएनए टेस्ट हुआ ही नहीं था। बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग को दी गई जानकारी के मुताबिक महिला की बच्ची और उसके पति का DNA टेस्ट के लिए कोई सैंपल नहीं लिया गया था.
विधायक पर दुष्कर्म और दोनों की एक बेटी होने की बात कहने वाली महिला ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि उसकी बच्ची की डीएनए रिपोर्ट उसके पति से मैच नहीं कर रही है. महिला ने बीजेपी विधायक महेश नेगी का डीएनए टेस्ट की मांग की थी। वहीं बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग ने बिना कोर्ट की परमिशन के डीएनए टेस्ट कराए जाने के मामले का संज्ञान लेते हुए देहरादून पुलिस को जांच के आदेश दिए थे. पुलिस ने जांच के बाद बाल आयोग को जानकारी दी है कि टेस्ट के लिए कोई सैंपल लिए ही नहीं गए थे.
कुछ दिन पहले ही बीजेपी विधायक की पत्नी ने देहरादून के थाना नेहरू कॉलोनी में इसी महिला पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए पैसे मांगने का आरोप लगाया था और एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला ने एक वीडियो भी शेयर की थी और विधायक पर आरोप लगाते हुए न्याय मांगा था.