टिहरी : टिहरी बांध को लेकर बड़ी खबर है। जी हां बता दें कि जल्द ही टिहरी बांध का जलस्तर आरएल 828 से बढ़ कर आरएल 830 हो जायेगा। जिससे बिजली उत्पादन तो बढ़ेगा ही टीएचडीसी के लाभ के साथ सरकार को भी राजस्व मिलेगा। इसी के साथ सिंचाई के लिए भी अधिक जल की उपलब्धता रहेगी जो की फायदेमंद है। राज्य सरकार ने टीएचडीसी को जल स्तर बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। लेकिन इससे बाढ़ प्रभावित लोग नाराज हो गए हैं।
गौरतलब है कि शासन द्वारा टिहरी बांध से प्रभावित चिह्नित किये गये 415 परिवारों के पुनर्वास के लिए प्रति परिवार 74-74 करोड़ मुआवजा देने और प्रतापनगर के रौलाकोट गांव के पूर्ण पुनर्वास के निर्देश देने के साथ टीएचडीसी को पुनर्वास के मामले में हाईकोर्ट में दर्ज केस भी वापस लेने के भी निर्देश दिए थे। जिसके बाद से ही टीएचडीसी बांध का जलस्तर आरएल 828 से बढ़ाकर आरएल 830 करने पर अड़ी थी।टीएचडीसी अधिकारियों ने तर्क दिया था कि जलस्तर बढ़ने से बिजली उत्पादन बढ़ेगा जिससे टीएचडीसी के साथ सरकार को भी राजस्व मिलेगा।
लेकिन बता दें कि सरकार के इस निर्णय से टिहरी बांध आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति, भटकंडा, रौलाकोट सहित अन्य गांव के लोगों में रोष है। उनका कहना है कि बांध प्रभावितों का प्राथमिकता के साथ पुनर्वास और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के बाद ही जल स्तर बढ़ाने की अनुमति मिलनी चाहिए।