कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। लोग पहले दिन से कोरोना वैक्सीन के जल्द आने की उम्मीद कर रहे हैं। हांलांकि अब तक वैक्सीन बन नहीं पाई है, लेकि देश में बन रही वैक्सीन ने मीदें जगाई हैं। भारत की तीन वैक्सीन समेत दुनिया की कई वैक्सीन पर काम चल रहा है, लेकिन अभी तक किसी कंपनी ने वैक्सीन के लॉन्च होने की तारीख की घोषणा नहीं की है। देश में जिन कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है, उनमें से ‘को-वैक्सीन’ सबसे अधिक चर्चित है। कोरोना वैक्सीन के लिए बनाई जा रही COVAXIN के तीसरे फेज के ट्रायल को उत्तर प्रदेश में अनुमति मिल गई है।
वैक्सीन का ट्रायल लखनऊ और गोरखपुर में भी हो रहा है। यूपी अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि भारत बायोटेक द्वारा विकसित की जारी कोविड वैक्सीन, को-वैक्सीन के फेज-3 के ट्रायल की अनुमति प्रदान की गई है। अक्टूबर में लखनऊ में एसजीपीजीआई और गोरखपुर में भारत बायोटेक के साथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज ट्रायल को लीड करेगा। अनुमति के बाद भारत बायोटेक अब वैक्सीन को लखनऊ एवं गोरखपुर के लोगों पर प्रयोग कर सकेगी।
भारत बायोटेक ने कोरोना वैक्सीन के लिए वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता किया है। कंपनी ने सेंट लुइस में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ कोरोना की सिंगल खुराक वैक्सीन-चिंप एडीनोवायरस (चिंपांजी एडीनोवायरस) के लिए एक लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किए। कंपनी के मुताबिक, कंपनी के पास अमेरिका, जापान और यूरोप को छोड़कर अन्य सभी बाजारों में वैक्सीन को देने का अधिकार होगा। कंपनी ने बताया कि वैक्सीन के पहले चरण का परीक्षण सेंट लुइस विश्वविद्यालय की इकाई में होगा, जबकि नियामक मंजूरियां हासिल करने के बाद भारत बायोटेक अन्य चरणों का परीक्षण भारत में भी करेगी।
भारत में तीन कंपनियां कोरोना की वैक्सीन बना रही हैं। इनमें से भारत बायोटेक की को-वैक्सीन’ भी शामिल है। इसके अलावा, सीरम इंस्टिट्यूट ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का आखिरी चरण का ट्रायल कर रहा है। यह भी अंतिम दौर में है। वहीं, भारतीय कंपनी जायडस कैडिला की वैक्सीन ‘जेवाईसीओवी-डी’ को तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति मिलने का इंतजार है।