रुद्रपुर : सरकार भले ही गरीबों के मुफ्त इलाज का दावा करती हो, लेकिन सरकार के इस दावे की पोल खुद किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने ही खोल दी। किच्छा के भंगा गांव की एक महिला की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसको परिजन इलाज के लिए किच्छा से रुद्रपुर और हल्द्वानी के अस्पतालों में घुमाते रहे, लेकिन उसको कहीं इलाज नहीं मिला और उनकी मौत हो गई। इस ममाले में विधायक ने पहले तो सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को मौखिक चेतावनी दी कि अगर मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो सीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। अब उन्होंने सीएम को पूरा तीन पेज का पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने तीन अस्पतालों पर कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा विधायक राजेश शुक्ला ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ मोर्चा खोला और धरने पर बैठे। इतना ही नहीं विधायक राजेश शुक्ला ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए 1 हफ्ते के अंदर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की और दोषियों पर एक्शन न लेने पर मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर धरना देने की चेतावनी दी। दरअसल पूरा मामला एक युवती का है जिसे उपचार के लिए अस्पताल लाया गया था और अब उसकी मौत हो गई है।दरअसल रुद्रपुर जिला अस्पताल में आज बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला ने धरना देते हुए आरोप लगाया कि उनकी विधानसभा में रहने वाली पार्वती नाम की युवती को इलाज ना मिलने से उसकी मौत हो गई।
विधायक ने आरोप लगाया कि किच्छा के भंगा क्षेत्र की रहने वाली पार्वती की अचानक प्लेटलेट्स कम हो जाने के कारण उसे किच्छा जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसको रुद्रपुर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। यहां तक की हल्द्वानी जाने के लिए एम्बुलेंस तक नहीं मिली और बड़ी मुश्किल से वो हल्द्वानी पहुंची जहां उसे भर्ती नहीं किया गया और इस दौरान उसकी मौत हो गई।सरकार का अस्पतालों पर पूरा फोकस है, हर सुविधाएं जे रहे हैं- विधायकमहिला की मौत होने के बाद महिला के शव को लेकर परिजन वापस किच्छा पहुंचे। इसकी जानकारी विधायक को हुई। तो विधायक ने मोर्चा खोलते हुए आरोप लगाया कि अगर युवती को यहां इलाज मिल गया होता तो आज वो जिंदा होती।
उन्होंने कहा कि सरकार का अस्पतालों पर पूरा फोकस है और अस्पतालों के लिए सारी सुविधाएं दे रहे हैं और हाईटेक कर रहे हैं। एम्बूलेंस होते हुए मरीजों को एम्बुलेंस उपलब्ध उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। विधायक शुक्ला अस्पताल प्रबंधन के रवैया से खासा नाराज है और उन्होंने कार्रवाई की मांग की है।राजेश शुक्ला ने एडीएम हरीश कांडपाल को साफ शब्दों में बताया कि अगर 1 हफ्ते के अंदर लापरवाह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो मैं खुद मुख्यमंत्री कार्यालय पर धरने पर बैठूंगा।