नई दिल्ली : मई शुरू होते ही कोरोना के मामलों की रफ्तार तेज गई है। महाराष्ट्र, गुजरात के बाद अब दिल्ली में बढ़ते मामलों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। पहले कहा जा रहा था कि मई, जून के महीने में जब देश में गर्मी बढ़ने लगेगी तो कोरोना के मामलों में कुछ कमी आ सकती है पर ऐसा कुछ फिलहाल दिख नहीं रहा है। इस बीच, एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि मई में मामले बढ़ रहे हैं और जून में ये चरम पर पहुंच सकते हैं।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन के चलते कोविड-19 पॉजिटिव मामलों में कमी जरूर आई है पर अब भी हर रोज मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। भारत में अब तक 52 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। दिल्ली स्थित AIIMS के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि जून के महीने में कोरोना वायरस के मामले सबसे ज्यादा होने की पूरी संभावना है।ऐसे में यहां सवाल यह उठता है कि क्या सरकार 17 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाएगी? दरअसल, कोरोना के मामले अभी जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं, अगर लॉकडाउन खुलता है तो डर इस बात का है कि इसमें और वृद्धि हो सकती है। ऐसे में लॉकडाउन जून तक बढ़ा तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी।
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में बताया कि जिस तरीके से ट्रेंड दिख रहा है, कोरोना के केस जून में पीक पर होंगे। हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि बीमारी एक बार में ही खत्म हो जाएगी। हमें कोरोना के साथ जीना होगा। धीरे-धीरे कोरोना के मामलों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण फिर भी ये आंकड़ा कम है वरना मामले बहुत ज्यादा बढ़ जाते। अस्पतालों ने लॉकडाउन में अपनी तैयारी कर ली है। डॉक्टर्स को प्रशिक्षण दिए गए हैं। पीपीई किट्स, वेंटिलेटर और जरूरी मेडिकल उपकरणों के इंतजाम हुए हैं। कोरोना की जांच बढ़ी है।