मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में लगातार बयान देने के बाद चर्चाओं में आई अभिनेत्री कंगना रनौत का शिवसेना नेता संजय राउत से विवाद हो गया। उसके बाद से ही कंगना को धमकियां मिल रही थी। धमकियों के बीच कंगना को केंद्र सरकार ने वाई प्लस सुरक्षा भी मुहैया करा दी थी। कंगना ने ऐलान किया था कि वो 9 सितंबर को मुंबई जाएंगी। अपने ऐलान के अनुसार वो आज रवाना हो गई हैं।
कंगना वो में अपनेघर से रवाना हो गई हैं। वो चंडीगढ़ से मुंबई के लिए फ्लाइट लेंगी। कंगना के साथ बहन रंगोली चंदेल, निजी सहायक और सुरक्षाकर्मी उनके साथ होंगे। वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद सीआरपीएफ दस्ते ने मंगलवार देर रात मनाली पहुंचकर उनकी सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है। चंडीगढ़ जाते समय रास्ते में अभिनेत्री कंगना रनौत ने हमीरपुर जिले के कोठी इलाके में एक मंदिर में पूजा-अर्चना की। वह मंडी जिले से चंडीगढ़ मार्ग पर है।
कंगना ने ट्वीट कर लिखा कि रानी लक्ष्मीबाई के साहस, शौर्य और बलिदान को मैंने फिल्म के जरिए जिया है। दुख की बात यह है मुझे मेरे ही महाराष्ट्र में आने से रोका जा रहा है। मैं रानी लक्ष्मीबाई के पद चिन्हों पर चलूंगी ना डरूंगी, ना झुकूंगी। गलत के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाती रहूंगी, जय महाराष्ट्र, जय शिवाजी। एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि मैं सोलह साल की थी जब मुंबई आई। कुछ दोस्तों ने कहा मुंबई में वही रहता है जिसे मुम्बादेवी चाहती है। हम मुम्बादेवी देवी के दर्शन करने गए। सब दोस्त वापिस चले गए और मुम्बादेवी ने मुझे अपने पास ही रख लिया।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के एक लेख में लिखा है कि हिंदुत्व और संस्कृत का धर्म और 106 शहीदों के त्याग का अपमान किया गया। ऐसा अपमान करके छत्रपति शिवाजी के महाराष्ट्र पर नशे की पिचकारी फेंकने वाले व्यक्ति को केंद्र सरकार विशेष सुरक्षा की पालकी का सम्मान दे रही है। लेख में लिखा गया है कि अहमदाबाद, गुड़गांव, लखनऊ, वाराणसी, रांची, हैदराबाद, बेंगलुरु और भोपाल जैसे शहरों के बारे में अगर कोई अपमानजनक बयान देता तो केंद्र ने उसे वाई सुरक्षा की पालकी दी होती क्या? यह महाराष्ट्र के भाजपाई स्पष्ट करें।