नई दिल्ली : कोरोना महामारी के चलते आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी डेट 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2020 की गयी। बाद में इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया। आयकर विभाग ने बताया कि 26 दिसंबर तक 4.15 करोड़ आईटीआर भरे जा चुके हैं। कोरोना महामारी के चलते 2019-20 (असेसमेंट ईयर 2020-21) के लिए टैक्स रिटर्न 31 दिसंबर तक फाइल किया जा सकेगा। ऐसे में 31 दिसंबर से पहले ITR फाइल करना तरूरी है। ITR फाइल करने में देरी के पर जुर्माना तो भरना ही पडेगा, साथ ही कई तरह की इनकम टैक्स छूट भी आपको नहीं मिलेगी।
अगर रिटर्न 31 दिसंबर के बाद फाइल किया जाता है तो करदाता को 10,000 रुपये लेट फीस चुकानी होगी। ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी इनकम 5 लाख से ज्यादा नहीं है, उनको लेट फीस के रूप में 1000 रुपये ही देने पड़ते हैं। आयकर कानून की धारा-10A और धारा-10B के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती हैं। इसी तरह आईटीआर फाइल करने में देरी की तो धारा-80IA, 80IAB, 80IC, 80ID और 80IE के तहत मिलने वाली छूट भी आपको नहीं मिलेगी।
आयकर कानून की धारा-80IAC, 80IBA, 80JJA, 80JJAA, 80LA, 80P, 80PA, 80QQB और 80RRB के तहत मिलने वाले डिडक्शन का लाभ भी नहीं मिलेगा। अगर रिटर्न को फाइल नहीं करते हैं तो आप करेंट असेसमेंट ईयर के नुकसान को अगले वित्तीय वर्ष में नहीं ले जा सकते हैं। ऐसे लोगों पर टैक्स गणना के मूल्य का 50 फीसदी से लेकर के 200 फीसदी तक जुर्माना लग सकता है। साथ ही ज्यादा वैल्यू वाले केसों में 7 साल की कठोर सजा हो सकती है।