देहरादून: लाॅकडाउन में जहां देशभर में लोग फंसे हुए हैं। अपने घरों को जाने के लिए परेशान हैं। पास के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन दिया नहीं जा रहा है। और तो और लोगों की शादियां टल गई। लोग अपनों के अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हो सके। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के पिंडदान कार्यक्रम के लिए कैसे अनुमति मिल गई। वो भी यूपी के एक निर्दलीय विधायक को, जिनका सीएम योगी के परिवार से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं हैं ? सीएम योगी को भी इसकी कोई भनक तक नहीं। और भी कई सवाल हैं, जिनके जवाब मिलने जरूरी हैं ? एक सवाल यह भी है कि क्या सवालों के जवाब दिए जाएंगे या फिर उनको भी टाल दिया जाएगा ?
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने की सिफारिश
मामला लाॅकडाउन में यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके काफिले को अनुमति दिए जाने का है। उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बाकायदा विधायक को पास जारी करने के लिए देहरादून जिला प्रशासन को लेटर जारी किया। उसी लेटर के आधार पर जिला प्रशासन ने विधायक और उनके काफिले को बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने की अनुमति दे डाली। इसी पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
एसडीएम के साथ अभद्रता
विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने इस दौरान चमोली के एसडीएम के साथ भी अभद्रता की। हालांकि चमोली के एसपी यशवंत चैहान ने सख्ती दिखाते हुए उनको वापस लौट दिया। इसके बाद टिहरी जिले के ब्यासी में नरेंद्र नगर सीओ प्रमोद शाह ने पुलिस टीम के साथ पूरे काफिले को रोक लिया और सभी को हिरासत में लेकर मुकदमा दर्ज कर दिया। इस पूरे मामले में कुछ सवाल उठ रहे हैं, जिनके जवाब मिलना बेहद जरूरी है।
यह उठ रहे सवाल
-देहरादून से कैसे जारी हो गया पास ?
-यूपी से क्यों नहीं लिया गया पास ?
-योगी आदित्यनाथ के पिता के पिंडदान कार्य के लिए ही क्यों लिया गया पास ?
-राज्यों की सीमाएं सील होने के बावजूद पास कैसे बना ?
-क्या अपर मुख्य सचिव को गृह मंत्रालय की गाइडलाइन की जानकारी नहीं थी ?
-देहरादून जिला प्रशासन ने क्यों जारी किया पास ?
-क्या अपर मुख्य सचिव पर होगी कार्रवाई ?
-या फिर जिला प्रशासन के पास जारी करने वाले अधिकारी पर गिरेगी गाज ?
-क्या योगी सरकार भी इस पर एक्शन लेगी ?