हरिद्वार लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन की याचिका पर आज नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई है. जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक सिंह की बेंच में होगी. हो सकता है कि निशंक पोखरियाल का नामांकन रद्द हो जाए क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशी ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
आपको बता दें बीते दिन भाजपा के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी मनीष वर्ना ने निशंक के नामांकन खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि निशंक पोखरियाल ने अहम जानकारियां छुपाई है और सम्पत्ति का ही ब्यौरा नहीं दिया. बता दें मनीष वर्ना की ओर से हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मेंद्र बर्थवाल केस की पैरवी कर रहे हैं।
इस दौरान मनीष वर्मा का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर पूर्ण भरोसा है. साथ ही कहा रमेश पोखरियाल के नामांकन में गंभीर आपत्तियां है व चुनाव आयोग व सुप्रीम कोर्ट के नियम विरुद्ध जाकर रमेश पोखरियाल द्वारा जानकारियां छिपाई गई व शपथ पत्र गलत हो गया है औऱ साथ ही उन्होंने कहा कि निशंक पोखरियाल ने फार्म ए और बी अधूरा भरा है.
निर्दलीय प्रत्याशी का कहना है कि अगर चुनाव आयोग को प्रोवीजनल नो ड्यू से ही काम चलाना था तो देश भर के सब प्रत्याशियों से नो ड्यू सर्टिफिकते क्यों मांगा गया? और यदि शपथ पत्र गलत व झूठा ही स्वीकार करना था तो देश भर के प्रत्याशियों से शपथ पत्र मांगा ही क्यों गया?
अब हाई कोर्टे के फैसले को लेकर भाजपा संगठन इंतजार कर रहा है कि हाई कोर्ट क्या फैसला सुनाती है…देखना ये होगा कि भाजपा को हरिद्वार से झटका लगता है या फैसला उनके हक में आता है.