चमोली: सरकार ने एक दिन पहले ही बद्रीनाथ धाम की तय तिथि को 30 अप्रैल से बढ़ाकर 14 मई कर दिया था। साथ ही केदारनाथा के कपाट की तिथि भी पहले 14 मई घोषित की गई, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया। आज बैठक के बार रावल और अन्य लोगों की बैठक में तय किया गया कि कपाट तय समय पर ही खुलेंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाटको पूर्व निर्धारित तिथि पर ही खोलने की मांग उठाई है।
इस पूरे मामले में अब सरकार फंसी हुई नजर आ रही है। केदारनाथ धाम के कपाट पूर्व निर्धारित तिथि पर खुलने की घोषणा के साथ ही श्रीबदरीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत ने केदारनाथ की तरह ही बदरीनाथ धाम के कपाट भी पूर्व में तय तिथि 30 अप्रैल को खोलने की मांग की है। पंचायत के प्रवक्ता व विधि समिति के अध्यक्ष पंकज डिमरी ने टिहरी नरेश मनुजेंद्र शाह को भेजे पत्र में कहा है कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान बदरीनाथ की शीतकाल में पूजा देवताओं द्वारा की जाती है।
नारद पुराण में इसका उल्लेख है। प्रतिवर्ष बैशाख मास से मानवों द्वारा बदरीनाथ की पूजा प्रारंभ की जाती है। यही शास्त्रीय विधान है। तिथि परिवर्तन कर 15 मई किए जाने से धाम के कपाट जेठ मास में कृष्ण पक्ष में खुल रहे हैं। जिस कारण शास्त्र सम्मत मान्यता का उल्लंघन हो रहा है, जो अनुचित है।