देहरादून : कोरोना महामारी के शुरुआती चरण में बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित थे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में 20 से 40 आयु वर्ग के लोग अधिक संक्रमित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 10 मार्च से 11 अप्रैल के बीच संक्रमित हुए व्यक्तियों में करीब 45 फीसद लोग 20-39 आयु वर्ग के हैं, जबकि 60 से अधिक आयु वर्ग के 14 फीसद लोग संक्रमित हुए हैं।
राज्य में क्रिटिकल केयर और पेशेंट मैनेजमेंट के हेड डॉ. आशुतोष सयाना का मानना है कि दूसरी लहर में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। क्योंकि महामारी के प्रथम चरण में लॉकडाउन के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे, जिससे कोरोना को नियंत्रित करने में मदद मिली। युवा पीढ़ी घर से बाहर ज्यादा निकल रही है। इनमें नौकरीपेशा, व्यवसायी, कॉलेज जाने वाले युवाओं की खासी तादाद है। इसलिए उनके दूसरों के संपर्क में आने की संभावना ज्यादा रहती है। उस पर बहुत से लोग अब भी मास्क नहीं लगा रहे हैं।
शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं, जिस कारण मामले बढ़े हैं। शायद वैक्सीन की उपलब्धता ने भी आम जन की सोच बदली है। ध्यान देने वाली बात ये है कि 18-44 वर्ष आयु के लोग अभी टीकाकरण के दायरे से भी दूर हैं। ऐसे में इन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। गांधी अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार, युवा आबादी अनजाने में कोरोना संक्रमण की संवाहक बनी हुई है। इस आयु सीमा के कई लोग एसिम्टोमैटिक हैं या उन्हें कोविड-19 के हल्के लक्षण हैं। पर इससे कमजोर, बुजुर्ग व बीमार व्यक्ति को स्लिपओवर का खतरा सबसे अधिक रहता है। ऐसे में पूरी एहतियात बरतें और शारीरिक दूरी का पालन हर हाल में करें। कहीं से भी घर आएं तो तुरंत हाथ मुंह जरूर धोएं।