कोटद्वार: उत्तराखण्ड में कोरोना संक्रमण से अब तक सर्तक रहे लोग प्रवासी उत्तराखंडियों को अपने-अपने गांव भेजने का विरोध करने लगे है। ऐसी घटना पौड़ी गढ़वाल के पौखाल में सामने आई हैं। देहरादून से कोटद्वार पहुंचे यात्रियों को घर छोड़ने जा रही बस के चालक-परिचालक के साथ गालीगलौज और पटवारी से मारपीट की खबर भी है। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे तहसीलदार के साथ पुलिस टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि 10 अज्ञात फरारबताये जा रहे हैं।
तहसीलदार डबल सिंह रावत ने बताया कि शनिवार देहरादून से लॉकडाउन में फंसे यात्रियों को लेकर परिवहन निगम की बसें कोटद्वार पहुंची थी। दशहरा मैदान ग्रास्टनगंज में स्वास्थ्य परीक्षण के बाद यात्रियों को प्रशासन ने उनके घरों के लिए रवाना किया। यात्रियों को घरों तक छोड़ने के लिए कोटद्वार से परिवहन निगम की बसें लगाई गई थी। शाम करीब 7 बजे कोटद्वार से यमकेश्वर-कोटद्वार मोटर मार्ग पर पढ़ने वाले विभिन्न गांव के 21 यात्रियों को लेकर बस यमकेश्वर के लिए रवाना हुई। रात्रि करीब 9 बजे बस पौखाल बाजार में पहुंची।
पौखाला बाजार निवासी विनोद, सुनील सिंह समेत 10 अज्ञात लोगों ने बस को रोक और आगे जाने नहीं दिया। चालक-परिचालक उन्हें समझाने का प्रयास किया तो वह उनके साथ गालीगलौज करने लगे। इसी दौरान मौके पर मौजूद राजस्व उपनिरीक्षक शिवदत्त नौटियाल बीच बचाव में आये तो इन लोगों ने उनके साथ भी मारपीट की। तहसीलदार डबल सिंह रावत पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
तहसीलदार ने विरोध कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने, जिस पर पुलिस ने विनोद सिंह सुनील को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि बस में बैठे यात्रियों को उनके घर भेज दिया गया है। दुगड्डा पुलिस चैकी प्रभारी ओमप्रकाश ने बताया कि जब बस पौखाल में पहुंची तो बस में तीन यात्री और चालक-परिचालक ही बैठे हुए थे। पौखाल से पहले 18 यात्री अपने गांव के पास उतर गये थे।