देहरादून : कोरोना लाम में अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ी। सरकार ने कई covid सेंटर भी बनाए, लेकिन उनमें अग्नि सुरक्षा उपकरण लगाने भूल गए। अब जब कोरोना के मामले कम होने लगे हैं, तो एक जांच कराई गयी, जिसमें सरकारी अस्पताल ही फेल साबित हुए। दून अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों, निजी अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन तक उपलब्ध नहीं हैं। ग्निशमन विभाग ने दून अस्पताल, पारस दून अस्पताल और तीलू रौतेली कोविड केयर सेंटर समेत छह को नोटिस जारी किया है।
अग्निशमन अधिकारी सुरेशचंद्र रवि ने दून अस्पताल, पारस दून अस्पताल और तीलू रौतेली महिला छात्रावास कोविड सेंटर का निरीक्षण किया जहां आग बुझाने के लिए पानी के पर्याप्त इंतजाम नहीं मिले। एफएसओ सुरेशचंद्र रवि ने बताया कि दून अस्पताल, पारस दून अस्पताल और तीलू रौतेली कोविड केयर सेंटर प्रबंधन को निरीक्षण के बाद खामियां मिलने पर नोटिस जारी किया है। नोटिस में कमियों को दूर करने के लिए कहा है। अन्य अस्पतालो और कोविड सेंटरों में व्यवस्थाएं सही मिली हैं।
ऋषिकेश से डोईवाला क्षेत्र में आठ कोविड केयर सेंटर और अस्पताल हैं। ऋषिकेश के एसपीएस अस्पताल में फायर संबंधी उपकरणों में कुछ खामियां मिली। जिस पर अग्निशमन विभाग ने मुकम्मल इंतजाम करने को अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया। नोटिस के बाद सरकारी अस्पताल में फायर उपकरणों की हालत नहीं सुधरी। अग्निशमन अधिकारी बीरबल सिंह ने बताया कि सात कोविड केयर सेंटरों में फायर संबंधी व्यवस्थाएं अच्छी अव्यवस्था में मिली। एसपीएस अस्पताल के सीएमएस को दो बार व्यवस्था न सुधार पाने पर नोटिस दिया गया। अब उन्हें रिमाइंडर भेजा जाएगा।
विकासनगर ब्लॉक में दो कोविड सेंटर हैं। इनमें लेहमन और कालिंदी अस्पताल शामिल हैं। अग्निशमन विभाग के एफएसओ मो. आजम ने बताया कि दोनों में अग्निशमन यंत्र पूरी तरह से लगाये गये हैं। वहीं सहसपुर ब्लॉक में सेलाकुई स्थित मेडिकेयर अस्पताल व सहसपुर के एक मेडिकल कालेज को कोविड सेंटर बनाया गया है। मेडिकल कालेज सहसपुर ने अब तक एनओसी नहीं ली। जबकि मेडिकेयर में अग्निशमन यंत्र नहीं लगाये गये हैं। एफएसओ सुनील कुमार तिवारी ने बताया कि दोनों को नोटिस जारी कर तत्काल अग्निशमन यंत्र लगाने व एनओसी लेने के निर्देश दिए हैं।