देहरादून : उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड में आखिरकार सरकार को हक-हकूकधरियों के अधिकारों के मामले में बैकफुट पर आना पड़ा हैै। हक-हकूकधारी लगातार अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने की मांग करते हुए चारधाम देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे थे। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम में की गई व्यवस्था के अनुरूप देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने चारधाम के हक-हकूकधारियों के अधिकारों का निर्धारण कर दिया है।
बताया जा रहा है कि बोर्ड ने इसका प्रारूप भी तैयार कर लिया है, जिसे मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। सरकार की मंजूरी के बाद हक-हकूकधारियों के अधिकार बाकायदा बोर्ड की नियमावली में दर्ज होंगे। इसके लिए बाकायदा विधेयक भी लाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये प्रयास किया गया है कि तीर्थ पुरोहितों, न्यासियों, हक-हकूकधारियों को पूर्व में मिलते आ रहे अधिकार बरकरार रखे जाएंगे। हालांकि, इनमें कुछ बदलाव भी किया जा सकता है।