किच्छा : लद्दाख सीमा पर शहीद हुए देव बहादुर पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। शहीद देव बहादुर सिंह को सैन्य सम्मान के साथ उनके गांव में अंतिम विदाई दी गई। गौरीकला गांव के पारंपरिक घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को अंतिम विदाई देन हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्या ने परिजनों को 10 लाखा रुपये देने की धोषणा की और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नोकरी देने का भी एलान किया। इस दौरान विधायक राजेश शुक्ला भी मौजूद रहे।
लद्दाख में शहीद हुए देव बहादुर का पार्थिव शरीर बुधवार की सुबह सेना के वाहन से उनके पहुंचाया गया। इस दौरान युवाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। युवाओं में चीन और पाकिस्तान के खिलाफ खासा गुस्सा दिखाई दिया। जैसे ही शहीद देव बहादुर का शव उनके घर पहुंचा। उनके परिवारजन अपने आंसू रोक न सके। यह मंजर देख हर किसी की आंख नम हो गई। युवा तिरंगे के साथ जब तक सूरज चांद रहेगा, देव तेरा नाम रहेगा, दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे नारे लगाते हुए आगे-आगे चल रहे थे। ऐसा लग रहा था मानों पूरा हुजूम ही सड़क पर उतर आया होगा। हर तरफ बस तिरंगा ही तिरंगा नजर आ रहा था। भारत माता के जयकारों और वंदेमातरम के उद्घोष से अआसमान गूंज उठा।