देहरादून : आबकारी विभाग में शराब की दुकानों के आबंटन समेत वित्तीय अनियमितता से जुड़ी फाइल शासन में गायब ही हो गयी हैं…हालत ये है कि आबकारी कमिश्नर के प्रकरण पर विस्तृत रिपोर्ट भेजने के बावजूद भी शासन 1 हफ्ते से फाइल पर कोई निर्णय अब तक नहीं ले पाया है। जिला आबकारी अधिकारी के वित्तीय अनियमितता से जुड़े मामले पर विभाग में सुगबुगाहट जारी है… मामले में आबकारी आयुक्त के स्तर पर शासन को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है…लेकिन एक हफ्ते बाद भी संबंधित अधिकारी पर कोई कार्रवाई नही की गई है…
चर्चा है कि मामले के आरोपी डीईओ को कुछ अधिकारियों का समर्थन मिल रहा है.. इस दौरान जांच के आधार पर आरोप तय किए जा चुके हैं। लेकिन फिलहाल डीईओ मनोज उपाध्याय को शासन स्तर पर परीक्षण करने के नाम पर समय मिल रहा है.. आपको बता दें कि शराब की दुकानों के आवंटन समेत विविधताओं से जुड़े तमाम आरोप मनोज उपाध्याय पर लगे हैं और यह मामला करीब 9 करोड़ से भी ज्यादा का बताया जा रहा है. आरोप है कि जिला आबकारी अधिकारी की तरफ से शराब की दुकानों पर देरी से कार्रवाई की गई जिससे लाखों का राजस्व नुकसान हुआ. यही नहीं ओवर रेटिंग के मामले पर भी मनोज उपाध्याय सवालों के घेरे में हैं..
सूत्र बताते हैं कि आबकारी आयुक्त ने जांच के बाद कार्यवाही की संस्तुति कर दी है लेकिन अब फाइल शासन में 1 हफ्ते से घूम रही है…ऐसे भी प्रमुख सचिव आपकारी आनंद वर्धन बताते हैं कि आबकारी आयुक्त से रिपोर्ट मिलने के बाद आप इसका परीक्षण करवाया जा रहा है उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी। हालांकि शासन स्तर पर हो रही देरी से कुछ अधिकारियों को लेकर भी सवाल खड़े होने शुरू हो गए है। सवाल यह कि करोड़ों के इस मामले में आखिरकार डीईओ मनोज उपाध्याय पर कब कार्रवाई होगी।।