देहरादून: राज्य में अब तक की सबसे बड़ी भर्ती में नकल का भी सबसे बड़ा मामला सबके सामने है। इस परीक्षा में शामिल राज्य के डेढ़ लाख से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा में गड़बड़ी साबित होने के बाद भी इस परीक्षा को रद्द नहीं करना चाहता है। आयोग का कहना है कि भर्ती परीक्षा में कुछ केंद्रों पर नकल कराने का मामला है। लेकिन, आयोग उस बात को नजरअंदाज कर रहा है, जिसमें पेपर लीक होने की बात कही गई है।
भर्ती परीक्षा में नकल करने वाले 31 अभ्यर्थियों की पहचान हो चुकी है। जबकि अब तक 26 अभ्यर्थियों की पहचान ही नहीं हो पाई है। आयोग का कहना है कि एसआईटी को अंतिम जांच रिपोर्ट देने को एक माह का समय दिया गया है। आयोग ने निर्णय लिया कि पेपर लीक वाले 22 परीक्षा केंद्रों को ब्लैक लिस्ट करने की किया जाएगा।
चयन आयोग ने फरवरी 2020 में फॉरेस्ट गार्ड पदों की लिखित परीक्षा कराई थी। 188 परीक्षा केंद्रों पर लगभग एक लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। हरिद्वार, पौड़ी और देहरादून जिले में करीब 22 परीक्षा केंद्रों पर ब्लू टूथ के जरिये नकल कराने की शिकायत मिली। इसमें 20 केंद्र हरिद्वार जिले के हैं।
मंगलौर, रुड़की और पौड़ी में एफआईआर दर्ज की गई। एसआईटी जांच में नकल करने वाले कुल 57 अभ्यर्थियों में से 26 की पहचान नहीं हुई है। आयोग ने निर्णय लिया कि नकल करने का मामला सीमित है। जबकि ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या अधिक है, जिन्होंने परीक्षा के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं की है। इसलिए परीक्षा को रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है।