नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक के एक गांव में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां नाई पट्टी के भूमका गांव में बने संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासियों को रखा जा रहा है और भोजन बनाने की जिम्मेदारी भोजनमाता पर है। गांव में क्वारंटाइन किए गए कुछ लोगों ने सेंटर में बन रहे भोजन को खाने से इन्कार कर दिया है। भोजन पकाने वाली महिला दलित हैं। इस घटना को लेकर दलित समाज आहत है।
हिमाचल से गांव भूमका आए युवक दिनेश मिलकानी स्कूल में बने क्वारंटाइन सेंटर में तीन दिन से रह रहा है। प्रधान मुकेश चंद्र बौद्ध ने राजस्व पुलिस को सोमवार को तहरीर देकर बताया कि युवक दलित भोजनमाता के हाथ से बना भोजन करने से इन्कार कर दिया है। उसका भोजन रोज उसके घर से आ रहा है। परिवार का कोई सदस्य गेट पर रखकर चला जाता है। पट्टी पटवारी रवि पांडे ने मामले की जांच शुरू की।