देहरादून: कोरोना के इलाज के लिए गाइडलाइन तय की गई है। इस गाइडलाइन के अनुसार ही इलाज किया जा रहा है। लेकिन, कई मामले ऐसे भी आए हैं, जिनमें यह सामने आया है कि कई डाॅक्टर और अस्पताल बगैर अनुमति के भी कोरोना का इलाज करा रहे हैं। ऐसे डाॅक्टरों पर शासन सख्त हो गया है।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जनजागरूकता और संवेदनशील प्रशासन पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आयुष विभाग ने प्री-कोविड और पोस्ट कोविड के लिए आयुष किट और अन्य व्यवस्थाएं की हैं। यह ज्यादा से ज्यादा व्यक्तियों तक पहुंचे और इसका प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिए।
उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि जिलों में कोविड के लिए अधिकृत डॉक्टरों के अलावा अन्य कोई डॉक्टर मरीजों को इलाज करता है, तो ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ट्रू-नॉट टेस्टिंग बढ़ाने पर भी जोर दिया। एंटीजन टेस्ट में सिम्टोमैटिक पाए जाने वाले व्यक्तियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट अवश्य कराया जाए।