देहरादून : आखिकार भाजपा विधायकों ने सरकार को कोविड-19 में मदद के लिए वेतन कटौती की सहमति दे ही दी। हालांकि कांग्रेस ने अब वेतन कटौती से साफ इंकार कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सरकार पर उनको भरोसे में नहीं लेने का आरोप लगाया है। विधायकों ने अपने वेतन और भत्तों में 30 प्रतिशत कटौती को लेकर विधानसभा को सहमति दे दी है।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सभी विधायकों से दोबारा अपील की थी। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने साफ कर दिया है कि प्रदेश सरकार ने चूंकि विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया, इसलिए वे वेतन भत्तों में कटौती की सहमति नहीं देंगे। प्रदेश मंत्रिमंडल के फैसले के बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सभी विधानसभा सदस्यों से वेतन भत्तों में कटौती को लेकर अपनी सहमति देने की अपील की थी। लेकिन शुरुआत में केवल एक दो विधायकों ने ही सहमति दी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के लगभग सभी विधायकों की सहमति प्राप्त हो चुकी है। निर्दलीय विधायकों ने भी अपनी सहमति दे दी है। लेकिन, कांग्रेस के किसी भी विधायक ने अभी तक अपनी सहमति नहीं दी है। वेतन भत्तों में कटौती की सहमति के इंतजार में विधानसभा सचिवालय विधायकों का वेतन जारी नहीं कर सका था। अब सभी विधायकों को दो माह का वेतन जारी होगा। वेतन कटौती के साथ जारी होगा।