देहरादून : उधमसिंह नगर से बड़ी खबर है। जी हां उधम सिंह नगर के डीएसओ के खिलाफ पूर्ति निरीक्षकों न आवाज बुलंद की थी. डीएसओ पर पूर्ति निरीक्षकों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यबहिष्कार और पद से हटाने की मांग की थी. बता दें कि पूर्ति निरीक्षकों की मांग को मानते हुए सरकार ने डीएसओ को देहरादून मुख्यालय अटैच कर दिया है जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पोषित दाल योजना में काशीपुर रोड स्थित खाद्य गोदाम में चना, मसूर, उड़द व अरहर की दाल उपलब्ध कराई गई। समय से दाल का उठान नहीं किया गया। इससे दाल खराब हो गई। मामले की शिकायत पूर्ति निरीक्षकों ने शासन से की। मामले की जांच शासन स्तर पर खाद्य उपायुक्त ने जांच रिपोर्ट सौंप दी। डीएम ने डीएसओ श्याम आर्य को जांच सौंप दी। डीएसओ ने गोदाम का निरीक्षण तो पाया गया कि 16 कोटेदारों ने दाल का उठान नहीं किया था। इस पर उन्होंने कोटेदारों के लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति रिपोर्ट डीएम को 20 नवंबर को सौंप दी। डीएम ने रंजना राजगुरु ने इस मामले में एडीएम जगदीश चंद्र कांडपाल को जांच अधिकारी बनाया है। एडीएम ने डीएसओ से स्पष्टीकरण मांगा है। बताया जा रहा है कि दाल उठान न होने के जिम्मेदार सिर्फ कोटेदार ही नहीं है, बल्कि विभागीय लापरवाही भी आ रही है। इस मामले में डीएसओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
बता दें कि उधम सिंह नगर के पूर्ति निरीक्षकों ने डीएसओ यानी की जिला पूर्ति अधिकारी पर गम्भीर आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की थी। मांग के कई दिनों बाद तक सरकार द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया। इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया जिसके बाद पूर्ति निरीक्षकों द्वारा प्रदेश व्यापी कार्यबहिष्कार की घोषणा की गई थी। वहीं इस ऐलान के बाद शासन से बातचीत कर शासन द्वारा कर्मचारियों की मांग को माना गया और आज शुक्रवार को उधम सिंह नगर के डीएसओ का ट्रांसफर कर उन्हें देहरादून मुख्यालय अटैच करने का आदेश जारी किया गया।