देहरादून : एक ओऱ जहां निर्भया के दोषियों का पटियाला कोर्ट ने डेट वारंट जारी किया तो वहीं उत्तराखंड में भी एक 10 साल की बच्ची को इंसाफ मिला जो की इस दुनिया में नहीं है। जी हां नैनीताल हाईकोर्ट से भी बड़ी खबर सामने आई है। नैनीताल हाईकोर्ट ने 10 साल की बच्ची से रेप और हत्या के दोषी को फांसी की सजा सुनाई।
मामला देहरादून के सहसपुर का,10 साल की बच्ची की रेप कर की थी हत्या
दरअसल मामला देहरादून के सहसपुर का है जहां में 10 साल की बच्ची से हुए दुष्कर्म और हत्या के दोषी जयप्रकाश की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी। बता दें कि अगस्त महीने में विशेष पोक्सो जज रमा पांडेय की अदालत ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई थी। इस मामले में मंगलवार को दोषी की सजा पर न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने सुनवाई की। निचली कोर्ट से सजा सुनाने के बाद फांसी कंर्फम करने के लिए याचिका हाईकोर्ट भेजी गई थी। अभियोजन के मुताबिक पोक्सो कोर्ट में अब तक का यह पहला मामला था, जिसमें न्यायालय ने 68 पन्नों में फैसला लिखा गया था।
ये है पूरा मामला
मामला 28 जुलाई, 2018 का है. थाना सहसपुर क्षेत्र में एक निजी कॉलेज के निर्माणाधीन भवन में जयप्रकाश मज़दूरी का काम कर रहा था. वह साथ ही काम करने वाले एक मज़दूर की 10 साल की मासूम को 10 रुपये देने के बहाने निर्माणाधीन भवन के कोने में ले गया और बलात्कार करने के बाद मासूम की गला घोटकर हत्या कर दी. इसके बाद जयप्रकाश ने शव को ठिकाने लगाने के लिए कमरे के नीचे गड्ढा खोदकर पत्थरों और सीमेंट के बोरों से ढक दिया. बच्ची घर नहीं पहुंची तो माता-पिता ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने तफ़्तीश के बाद जयप्रकाश को गिरफ़्तार किया जिसे पॉक्सो अदालत में पेश किया. अपराध के 13 महीने बाद पीड़िता को इंसाफ़ मिला और कोर्ट ने अपराधी को धारा 302 फांसी की सज़ा सुनाई.