ऋषिकेश- बीते साल 2017को ऋषिकेश कोतवाली के श्यामपुर पुलिस चौकी के पास दो मासूम बहनों की हत्या और दुष्कर्म के मामले में आरोपी (गुरुद्वारे के सेवादार) को पोक्सो कोर्ट ने 302 के तहत सजा-ए-मौत का फैसला लिया. जानकारी के लिए बता दें सोमवार को कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया था जिस पर आज सजा का फैसला करते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई.
आपको बता दें विशेष लोक अभियोजक पोक्सो भरत सिंह नेगी ने इसे जघन्य अपराध बताते हुए दोषी को कठोर कारावास की सजा देने की अपील कोर्ट से की थी.
पोक्सो एक्ट में सजा
आपको बता दें सोमवार को इस मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडे की अदालत में सुनवाई हुई. गवाहों और सुबूतों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी परवान सिंह को दोषी करार देते हुए सजा के लिए 23 अगस्त की तारीख नियत की है. विशेष लोक अभियोजक पोक्सो भरत सिंह नेगी ने बताया कि उन्होंने इस मामले को रेयर ऑफ रेयरिस्ट बताते हुए कोर्ट से दोषी को कड़ी सजा दिलाए जाने की अपील की.
ये है मामला : तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, दोनों बहनों की की थी हत्या
घटना 15 जून 2017 को ऋषिकेश कोतवाली के श्यामपुर चौकी के पास हुई थी. खुद को सेवादार बताने वाला परवान सिंह गुरुद्वारे में ही रहता था. गुरुद्वारे के पिछले हिस्से में एक नेपाली मूल की महिला अपने तीन मासूम बच्चों के साथ रहती थी. वह गुरुद्वारे के साथ ही आसपास के घरों में साफ-सफाई करती थी. 15 जून को सुबह महिला अपने काम पर चली गई. कमरे में केवल उसकी 13 और तीन साल की मासूम बेटियां थी. उसका आठ साल का बेटा रिश्तेदार के यहां गया था. इसी दौरान परवान सिंह उनके कमरे में गया और बड़ी बेटी के साथ दुष्कर्म की कोशिश की. विरोध करने पर उसने गला दबा कर बच्ची की हत्या कर दी. बड़ी बेटी की हत्या करने के बाद उसने तीन साल की मासूम के साथ पहले दुष्कर्म किया और फिर उसकी भी गला दबाकर हत्या कर दी.
उसी दिन पकड़ा गया
पुलिस ने आरोपी को हत्या वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था. जांच में तीन वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. एफएसएल रिपोर्ट में भी आरोपी पर अपराध साबित हुआ था.