देहरादून : दून अस्पताल में भर्ती रही कोरोना पाॅजिटिव एक युवती को दून अस्पातल से हाल ही में डिस्चार्ज किया गया था। बतााया जा रहा है कि उसे होम क्वारंटीन रहने के लिए कहा गया था, लेकिन वो कोरोनेशन में भर्ती अपने भाई देखने पहुंची गइए जिसके बाद हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि युवती की डिस्चार्ज स्लिप पर गलत तारीख दर्ज होने से भ्रम फैल गया कि उसे पांच दिन में ही डिस्चार्ज कर दिया गया। लोगों ने युवती को अस्पताल से हटाने की मांग की। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आनन-फानन में युवती को सर्वे चैक स्थित कोरोना केयर सेंटर शिफ्ट कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चमोली निवासीएक किशोर कुछ दिन पहले छत से गिरकर घायल हो गया था। किशोर को पहले एम्स ऋषिकेश और फिर कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी 22 साल की बहन भी अस्पताल में उसके साथ ही रहती थी। इसी बीच युवती में कोरोना के लक्षण दिखने पर उसकी जांच कराई गई, जिसमें वो पाॅजिटिव पाई गई। इसके बाद युवती को दून अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। सोमवार को युवती को होम क्वारंटीन रहने के निर्देश देकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही युवती कोरोनेशन अस्पताल में उपचार करवा रहे अपने भाई के पास पहुंच गई। इसकी जानकारी जब आसपास के मरीजों और अस्पताल स्टाफ को मिली, तो अस्पताल में हड़कंप मच गया। भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों ने पॉजिटिव मरीज को वहां से हटाने की मांग की।
कोविड नोडल अफसर डा. एनएस खत्री ने बताया कि नई गाइडलाइन के अनुसार 10 दिन अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान जिन मरीजों में कोई लक्षण नहीं दिखता या स्वास्थ्य खराब नहीं होता, उन्हें होम क्वारंटीन करने की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि युवती को 28 मई को दून अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से आठ जून को डिस्चार्ज किया गया। उन्होंने कहा कि इस दौरान युवती के भाई के दो बार सैंपल लिए गए, जिसमें रिपोर्ट नेगेटिव आई है। हालांकि युवक को कई अन्य दिक्कतें हैं, जिसके कारण उसे फिलहाल अस्पताल में भर्ती रखना जरूरी है।